हमारे अन्तःकरण में स्थित हैं प्रभु सच्चिदानन्द - कथावाचक रवीश काला
पौड़ी। जिला पौड़ी गढ़वाल के गजल्ड ग्राम में कोठारी परिवार द्वारा आयोजित प्रथम दिन के भागवत कथा सप्ताह में प्रसिद्ध कथावाचक रवीश काला ने ब्राह्मांड के गूढ़ रहस्य के बारे में बताते हुए कहा कि, भगवान तो हमारे अन्तःकरण में ही स्थित हैं। इसीलिए सच्चिदानन्दघन कहे जाते हैं। विश्व में उत्पत्ति, विकास और प्रलय प्रभु की माया के कारण ही सम्भव है इसलिए मायापति कहे जाते हैं। उन्होंने कहा कि, ऐसे प्रभु को भजने से तीन ताप (दैहिक, दैविक, भौतिक) दूर हो जाते हैं। कहा कि इस संसार में प्रकाश तथा ऊर्जा का एकमात्र स्रोत प्रभु अंश भगवान सूर्य हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि, बदरीनाथ का पुराना नाम विशाला तीर्थ था। जो बाद में अपभ्रंश होकर बदरीनाथ हो गया। वे अनाथों के नाथ हैं। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा को आयोजित करने तथा श्रवण का माहात्म्य भी बताया। उन्होंने कथा के प्रथम दिन धुंधकारी तथा गौकर्ण की कथा सुनाकर समाजिक समरशता का उपदेश भी दिया। इस अवसर पर रेवतराम कोठारी, शेखरानन्द कोठारी, विजय कोठारी, बबली कुकरेती, मीना चमोली सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनमानस उपस्थित थे।
गजल्ड ग्राम, जिला- पौड़ी गढ़वाल में कोठारी परिवार द्वारा आयोजित प्रथम दिवस भागवत कथा की झलकियां
https://youtu.be/vq8LYmTu0Ao
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