मानव मन ही है कर्मों का नियंत्रक - कथावाचक रवीश काला
पौड़ी। जिला पौड़ी गढ़वाल के गजल्ड ग्राम में कोठारी परिवार द्वारा आयोजित द्वितीय दिन के भागवत कथा सप्ताह में प्रसिद्ध कथावाचक रवीश काला ने कहा कि मन ही मानव के सभी कर्मों का नियंत्रक है। मन की सद्वृत्तियों से ही मानव सद्कर्मों की ओर प्रवृत्त हो सकता है। मन के शुद्धिकरण के लिए मन को प्रभु की सेवा में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा प्रभु सेवा से ही सभी प्रकार के दुःख दूर होते हैं। कहा कि, प्रत्येक शुभ कार्य को शुरू करने से पहले मंगलाचरण किया जाता है। मंगलाचरण का अर्थ ईश्वर से कार्य सफलता के लिए निवेदन करना ही है। कहा कि, ज्ञान प्राप्ति के लिए साधना की आवश्यकता है। कहा कि, पिता की आत्मा ही पुत्र के रूप में जन्म लेती है। कहा कि विनाश से नवसृजन सम्भव है। उन्होंने ने दूसरे दिन की कथा में कलयुग का चरित्र चित्रण के साथ ही राजा परीक्षित, आचार्य शुकदेव, पृथ्वी की उत्पत्ति तथा मनु-शतरूपा की कथा के साथ ही मानव धर्म के नियम भी बताये।
इस अवसर पर रेवतराम कोठारी, शेखरानन्द कोठारी, विजय कोठारी, बबली कुकरेती, मीना चमोली सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनमानस उपस्थित थे।
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