गढ़वाल की लोककथाओं की पुस्तक का हुआ विमोचन
दवा। स्व. आशा राम 'आशाजीत' द्वारा लिखित पुस्तक 'गढ़वाल की लोककथाएँ' का अध्ययन दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में किया गया। पुस्तक का प्रकाशन एवं फिल्मांकन का बीड़ा उनके पुत्र शांति प्रकाश 'जिज्ञासु' ने उठाया।
पुस्तक में आठ गढ़वाली कहानियों का संग्रह है। इसका हिंदी में रूपान्तर भी किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि कथाकार जितेन ठाकुर, मुख्य अतिथि श्रीमती स्वाति एस. जापानी, निदेशक क्षेत्रीय भाषा संस्थान, विशिष्ट अतिथि - लोकेश नवानी, एक्टिविस्ट और वक्ता - गढ़वाली कथाकार, महेशानंद थे। कार्यक्रम का संचालन धार्मिक अनुष्ठान डिमरी ने किया।कार्यक्रम के धार्मिक कार्यक्रम 'जिज्ञासु' थे।
मुख्य अतिथि स्वाति एस. मिर्ज़ा ने कहा कि प्रदेश के साहित्य संवर्द्धन द्वारा भाषा संस्थान को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। प्रदेश के लॉजिक अपनी डॉक्यूमेंट्री भाषा का विमोचन संस्थान के ऑडिटोरियम में भी करवा सकते हैं। दार्शनिकों के लिए भाषा संस्थान का ऑडिट निःशुल्क उपलब्ध रहेगा।
इस अवसर पर सहायक राकेश भट्ट, ओम प्रकाश सेमवाल, मंजु काला,ना बेंज़वाल, कुलानंद घनशाला, आशीष सुंदरियाल, अंबर खरबंदा, रानू बिष्ट, सौंदर्य सुंदर बीयाल, भगवती सुंदरियाल, नंद किशोर हटवाल, लवली कुमार 'असफल' आदि वैज्ञानिक उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें