नवोदित साहित्यकार रोशन बलूनी की दो पुस्तकों का हुआ विमोचन - TOURIST SANDESH

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मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

नवोदित साहित्यकार रोशन बलूनी की दो पुस्तकों का हुआ विमोचन

 नवोदित साहित्यकार रोशन बलूनी की दो पुस्तकों का हुआ विमोचन

कोटद्वार। नवोदित साहित्यकार रोशन बलूनी द्वारा रचित दो पुस्तकों ‘ऐ वतन’ तथा ‘मैं शैलों की आवाज मुखर हूँ’ का साहित्यिक संस्था साहित्यांचल तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्था हिन्दी साहित्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि लोकभाषा एंव साहित्यक मंच के अध्यक्ष सत्यप्रकाश थपलियाल तथा अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल ने की। विमोचन समारोह में वक्ताओं ने हिन्दी को समृद्ध भाषा बताते हुए, हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए गम्भीर प्रयास किये जाने आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल ने कहा कि, नवोदित साहित्यकारों की रचनाओं से हिन्दी भाषा न सिर्फ समृद्ध होगी बल्कि भाषा का विस्तार भी आने वाली पीढ़ी में होगा। इस अवसर पर पौड़ी से आयी डॉ ऋतु सिंह ने स्वरचित कविताओं का वाचन कर सब को मंत्रमुग्ध किया। हेमवती नन्दन केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल की ऐसोसिऐट प्रोफेसर डॉ कविता भट्ट ने रोशन बलूनी को नव रचनाओं की बधाई देते हुए कहा कि, हम सबके प्रयासों से ही हिन्दी को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा बनाया जा सकता है। इसके लिए हिन्दी साहित्य भारती निरन्तर प्रयासरत है। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार चक्रधर शर्मा ‘कमलेश’, प्रकाश कोठारी आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में हरिसिंह भण्डारी,  डॉ. अशोक गिरि, सुरेन्द्र लाल आर्य, कै. पी.एल. खन्तवाल, पुष्कर सिंह नेगी, डॉ. विष्वक्सेन, संयोजक पंकज ध्यानी, डॉ. मंजू कपरवान, श्रीमती मोहिनी नौटियाल, ऋद्धि भट्ट, जसोदा बुड़ाकोटी, डॉ. कुलदीप पन्त, डॉ. दिनेश पाठक, वरदान, सोमप्रकाश कण्डवाल, श्रीमती रमा तोमर, प्रदीप बिष्ट, यतीन्द्र कोहली, भगवती प्रसाद कण्डवाल, सतीश देवरानी, राकेश कण्डवाल, दिनेश बलूनी, सोहनलाल बलूनी, चंचल बलूनी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्रधानाचार्य तथा साहित्यांचल के अध्यक्ष जनार्धन बुंडाकोटी ने किया। 

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