अवैज्ञानिक एवं अनियोजित खनन नीति से हो रहा प्रदेश को भारी नुकसान - सुरेन्द्र सिंह नेगी
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने नदियों में बरसात में भी जारी खनन को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से नदियों में हो रहे खनन को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है। साथ ही सक्षम अधिकारी को मौके पर भेज कर खनन से हो रहे नुकसान की जांच करने की भी बात कही है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि खनन प्रक्रिया को 15 जून तक समाप्त कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन लगता है कि प्रदेश सरकार का अनियोजित खनन से नदियों के सीने को चीरते हुए सिर्फ धन कमाना ही लक्ष्य रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की वर्तमान खनन नीति उत्तराखंड की विषम भागौलिक परिस्थितयों के अनुकूल नहीं है। कहा कि खनन से वर्तमान में बरसात के समय सुखरो, खोह तथा मालन नदी पर बने पुलों पर खतरा मंडराने लग गया है, अवैज्ञानिक एवं अनियोजित खनन नीति से अब पुलों के पिल्लरों को भी खोदा जा रहा है, जिससे करोड़ों की लागत से बने पुलों पर धरासायी होने का खतरा बढ गया है। पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि बरसात के समय में हो रहे खनन से रेत, बजरी, पत्थर ले जा रहे भारी भरकम डम्परों से सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, भारीभरकम डम्परों से सड़कों पर बडे़-बड़े गढढे होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक कि भारीभरक डम्परों ने पेयजल लाइनों एवं सिंचाई नहरों से गांवों को जाने वाले आम रास्तों को भी तहस नहस कर दिया है। जिससे क्षेत्र की जनता में भी भारी आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नदियों में हो रहे खनन की जांच किसी उच्च अधिकारी से की जानी चाहिए। ताकि नुकसान का सही आंकलन हो सके। पूर्व काबीना मंत्री ने कहा कि अवैज्ञानिक खनन नीति को लेकर वे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री को अवगत करा चुके है।
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