साहित्यांचल ने चार महान विभूतियों को किया याद
कोटद्वार । साहित्यांचल के तत्वावधान में आयोजित स्मृति दिवस कार्यक्रम के अवसर पर चार महान विभूतियों को याद किया गया । साहित्यांचल के अध्यक्ष जनार्धन बुडाकोटी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस पुण्य आत्माओं के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार रमेश चन्द्र मिश्र ’सिद्धेश’, हिन्दी भाषा के प्रथम डी. लिट् डॉ पीतम्बर दत्त बडथ्वाल, टिहरी राजशाही के खिलाफ आन्दोलन चलाने वाले शहीद श्री देव सुमन तथा प्रसिद्ध पत्रकार जयन्त के संस्थापक नरेन्द्र उनियाल को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व को याद किया गया। कार्यक्रम में व्यक्ताओं ने समाज हित उनके द्वारा किये गये कार्यों को याद करते हुए महान विभूतियों के पथ का अनुशरण कराने का आवाहन किया। व्यक्ताओं ने उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया। इस अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार नन्द किशोर ढ़ौड़ियाल ने कण्वनगरी कोटद्वार में विश्वविद्यालय खोलने की मांग करते हुए कहा कि, विश्व का पहला विश्वविद्यालय होने का गौरव कण्वाश्रम को है यह धरती आदिकाल से ही ज्ञान की धरती रही है, अतः कोटद्वार फिर से उच्च शिक्षा का केन्द्र बने इसके लिए आवश्यक है कि, यहां पर सभी सुविधाओं से युक्त एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। इसके लिए साहित्यांचल पहल करे तथा समाज हित में सभी जागरूक जन आगे आएं। सुभाष चन्द्र नौटियाल के प्रस्ताव पर जयन्त के सम्पादक नागेन्द्र उनियाल ने घोषणा की कि, स्व. नरेन्द्र उनियाल की याद में उनकी जयन्ती पर प्रतिवर्ष 12 मार्च को एक प्रतिभावान युवा पत्रकार को सम्मानित किया जायेगा।
इस अवसर पर साहित्यांचल के संरक्षक चक्रधर शर्मा कमलेश, ख्यात सिंह चौहान, बलवीर सिंह रावत, विजय लखेड़ा, बिनोद कुकरेती, अनुसूया प्रसाद डंगवाल, एस. पी. कुकरेती, ऋषि कण्डवाल, डॉ. चन्द्र मोहन बड़थ्वाल, श्रीमति सुशीला काला, ललन बुडाकोटी, गुलशन कण्डवाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिवाकर बेबनी ने किया।
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