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बुधवार, 3 मार्च 2021

कोटद्वार का नाम हुआ कण्व नगरी कोटद्वार, सीएम ने दी अनुमति

 कोटद्वार  का नाम हुआ कण्व नगरी कोटद्वार, सीएम ने दी अनुमति

कोटद्वार | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी जिले की नगर निगम कोटद्वार का नाम परिवर्तित कर  कण्व नगरी कोटद्वार रखने को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
अब नगर निगम कोटद्वार. कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जाएगा। 
महर्षि कण्व की तपस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में वैदिक काल में विश्व का प्रथम विश्व विधालय स्थापित था |
 कोटद्वार की ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान कण्वाश्रम के नाम से भी है। इसे लेकर समय-समय पर कोटद्वार का नाम बदलने की मांग उठती रही, जिसे अब सीएम त्रिवेंद्र रावत की सहमति भी मिल गई है। यानी कोटद्वार को अब कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जाएगा। कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार किये जाने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने खुशी व्यक्त की है |

डू समथिंग ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

कोटद्वार। सामाजिक संस्था डू समथिंग सोसाइटी, ने प्रदेश सरकार द्वारा कोटद्वार का नाम  कण्वनगरी-ंकोटद्वार किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। संस्था अध्यक्ष मयंक प्रकाश कोठारी ‘भारतीय’ ने बताया कि डू समथिंग द्वारा कई वर्षों से कोटद्वार को कण्वनगरी-ंकोटद्वार नाम से अलंकृत करने हेतु प्रयासरत रही है। ऐतिहासिक-ंपौराणिक गौरव स्थल कण्वाश्रम को नाम अलंकरण से पुनः विशिष्ट पहचान दिलवाने में सफलता अवश्य मिलेगी। पहले कलालघाटी को कण्वघाटी और अब कोटद्वार को कण्वनगरी-ंकोटद्वार नाम दिया जाना ऐतिहासिक निर्णय है।
संस्था संरक्षक प्रकाश चन्द्र कोठारी ने बताया कि लगातार पत्राचार के साथ निगम व सरकार को कण्वनगरी-ंकोटद्वार नाम दिए जाने हेतु डू समथिंग द्वारा प्रयास किए गये जिसके कारण आज यह संभव हो पाया है। संस्था के माध्यम से पूर्व में कई बार निवेदन पत्र मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री व नगर निगम को भेजे गये। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मेयर श्रीमती हेमलता नेगी व समस्त पार्षदगणों के प्रयासों हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

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