हिमाद्रि रत्न सम्मान से सम्मानित हुए सन्दीप रावत
कोटद्वार। साहित्यिक संस्था साहित्यांचल के तत्वावधान आयोजित सम्मान समारोह में आखर संस्था के अध्यक्ष सन्दीप रावत का हिमाद्रि रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। सन्दीप रावत अब तक पांच गढ़वाली पुस्तकों (एक लपाग, गढ़वाली भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा, लोक का बाना, उदरोळ, तू हिटदि जा) का प्रकाशन करा चुके हैं। डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल अपने पिता की स्मृति में प्रति वर्ष इस सम्मान समारोह को आयोजित करते हैं। हिमाद्रि रत्न सम्मान समारोह की आयोजिका डॉ मनोरमा ढौंडियाल ने बताया कि, यह 23वां सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 26 साहित्यकारों को हिमाद्रि रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि साहित्य में विशिष्ठ योगदान देने के लिये प्रति वर्ष किसी एक साहित्यकार को हिमाद्रि रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाता है। साहित्यांचल के अध्यक्ष शिव प्रकाश कुकरेती की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने साहियांचल को साहित्य के लिए समर्पित संस्था बताया। इस अवसर पर चक्रधर शर्मा कमलेश, शैलेन्द्र प्रसाद पुरी, ख्यात सिंह चौहान, प्रकाश चन्द्र कोठारी, एस.एन. नौटियाल, कर्नल बुद्धि बल्लभ ध्यानी, अंशु डंगवाल, मोहनी नौटियाल, रिद्धि भट्ट सुरेन्द्र लाल आर्य आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन चन्द्र प्रकाश नैथानी ने किया।
डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल हुए सेवानिवृत्त
36 वर्ष की सरकारी सेवा के उपरान्त डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल ने विभिन्न महाविद्यालयों में हिन्दी विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे हैं। हिन्दी साहित्य साधना में रत डॉ ढौंडियाल ने अब तक 75 पुस्तकों का प्रकाशन करा चुके हैं। उनकी सेवानिवृत्ति पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने खुशी व्यक्त करते हुए उनके दीर्घ जीवन की कामना की है।
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