रानीखेत: जहां प्रकृति से होता है साक्षात्कार
चारों ओर दूर तक फैली हरियाली, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, मनमोहक वादियां, यदि प्रकृति से सीधा साक्षात्कार करना है तो सपरिवार रानीखेत चले आएं। यहां प्रकृति आप को सीधा साक्षात्कार करने का मौका प्रदान करती है। यदि छुट्टियों को मजेदार बनाना है तो रानीखेत आपके लिए परफैक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। प्रकृति की गोद में बसा रानीखेत प्रकृति के साथ आत्मीयता का एहसास कराता है। यदि आप फुर्सत के पलों में आन्नदानुभूति करना चाहते हैं तो रानीखेत का ट्रिप आपके लिए बेहतर हो सकता है। रानीखेत उत्तराखण्ड का एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहां प्रकृति के साथ कुछ दिन बिताने का एक मजेदार तथा अलग ही अनुभव महसूस होता है। यहां की खूबसूरती सहज ही मनमोह लेती है। हरी-भरी पहाड़ियों की खूबसूरती को समेटे यह शहर प्रकृति पर्यटन के लिए एक अलग ही अनुभव का एहसास कराता है। उत्तराखण्ड के इस हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। प्रकृति पर्यटन के लिए रानीखेत एक मन-मोहक स्थान है। बस मन करता है कि, यहीं के होकर रह जांए। प्रकृति यहां आने वाले पर्यटक को वह सब उपलब्ध कराती है। जो सकून की चाह में एक पर्यटक को चाहिए। प्रकृति से आत्मानुभूति का एहसास कराने वाला रानीखेत में अधिकार पर्यटक केवल घूमने ही नहीं आते हैं बल्कि प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताने के लिए भी आते हैं। यदि एडवेंचर के शौकीन है तो कुमायूं की पहाड़ियों के बीच पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं। कुमायूँ के राजा सुखदेव की रानी पद्मावती को इस क्षेत्रा की खूबसूरती इतनी पंसद आयी थी कि, उन्होंने यहां बसने का निश्चय कर लिया था तभी से इस जगह का नाम रानीखेत पड़ गया।क्या देखें?
चैबटिया पार्क, गोल्फ कोर्स, झूला देवी मंदिर, राम मंदिर, बिनसर महादेव, हेड़ाखान मंदिर आदि।
क्या करें?
रानीखेत से चैबटिया पार्क घूम सकते हैं। गोल्पफ कोर्स रानीखेत का सबसे बड़ा आकर्षण है। यहां आप घण्टियों वाली मां दुर्गा के मंदिर जा सकते हैं।
कैसे जांए?
नजदीकी एयरपोर्ट पन्तनगर- रानीखेत से 120 किमी. की दूरी पर स्थित है।नजदीकी रेलवे स्टेशन - काठगोदाम, रानीखेत से 80 किमी. दूर स्थित है।
सड़क मार्ग- दिल्ली से 350 किमी. दूर, डेस्टिनेशन के लिए बस या टैक्सी उपलब्ध 9-10 घण्टे में दिल्ली से रानीखेत पहुंचा जा सकता है।
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