वर्तमान परिपेक्ष्य में गाँधीजी के विचारों की प्रसांगिकता
 |
विचार गोष्ठी में उपस्थित जन |
कोटद्वार। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन और साहित्यञ्चल के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ’वर्तमान परिपेक्ष्य में गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता’ विषय पर एक वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे शिक्षकों, गाँधीवादी विचारकों ने प्रतिभाग किया। सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत, योगेश पांथरी ने गांधी जी के सहिष्णुता और अहिंसात्मक दर्शन पर चर्चा के साथ वर्तमान समय मे उसकी प्रासंगिकता पर विचारों को साझा किया साथ ही हस्त कौशल आधारित शिक्षा पर भी चर्चा की और वर्तमान समय मे गांधी जी के शैक्षिक दर्शन पर भी अपने विचारों रखते हुए लक्ष्मी आश्रम कौशानी और शारदा ग्राम के अपने अनुभवों को भी साझा किए इसी के साथ साथ काव्यपाठ का भी आयोजन किया गया जिसमें आये शिक्षकों और विचारकों ने अपनी मौलिक रचनाओं का पाठ किया और एक दूसरे की रचनाओं को भी सहराया । फाउंडेशन के समन्वयक संजय नौटियाल ने बताया कि इस वर्ष गांधी जी की 150वीं वर्षगाठ मनाई जा रही है अतः संस्थान द्वारा समय -समय पर गांधीजी के विचारों को बच्चों और शिक्षकों तक पहुचानें के लिए आगामी समय मे शैक्षिक संगोष्ठीयां , सेमिनार और शैक्षिक विमर्श करवाए का प्रस्ताव है । चर्चा में शिव प्रसाद कुकरेती ,लल्लन कुमार बुढाकोटी, रिद्धि भट्ट, राजीव थपलियाल, जनार्धन बुढाकोटी, मोहिनी नौटियाल, चक्रघर शर्मा कमलेश , पूनम प्रकाश , मुदित शाह , कौशल्या जखमोला , भगवती प्रसाद , सुरेंद्र लाल आर्य , जनार्धन प्रसाद ध्यानी ,केसर सिंह चौहान , मनवर सिंह, चन्ंद्र मोहन बड़थ्वाल, हरिचरण चतुर्वेदी, प्रकाश चंद्र कोठारी, प्रवेश चंद्र नवानी, रब्या सिंह चौहान, हरि सिंह भंडारी, एस एन नौटियाल, गोविंद डंडरियाल, दिनेश चंद्र ध्यानी ,चंद्र प्रकाश नैथानी आदि उपस्थित रहे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें