जगमोहन सिंह नेगी ने भरी हुंकार, समाधान करे सरकार
प्रमुख मांगे
1 कंडी रोड़ का निर्माण किया जाए
2 स्थानीय जनों को वनों में हक-हकूक प्रदान किये जांए, जैसे कि सन 1980 से पूर्व थे
3 वन-वन्यजीवों के साथ ही स्थानीय जनों की सुरक्षा का समुचित प्रबन्ध किया जाए
4 कण्वाश्रम का विकास किया जाए
5 कोटद्वार में सॉलिड वेस्ट का उचित प्रबन्धन किया जाए
6 मोटर नगर बस अड्डे का शीघ्र निर्माण किया जाए
7 लाट सूबेदार बल भद्र सिंह नेगी को भारत रत्न दिया जाए
8 कोटद्वार में आपदा प्रबन्धन की उचित व्यवस्था की जाए
9 कोटद्वार को जिला बनाया जाए
10 जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए
को टद्वार। वरिष्ठ अधिवक्ता एंव राज्य विधि परिसीमन आयोग के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी सरकार द्वारा क्षे़त्रीय समस्यों के समाधान न किये जाने पर मुखर हुए हैं। पत्रकार वार्ता आयोजित कर उन्होंने सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है। उन्होने कहा कि क्षेत्रीय समस्यों के निदान के लिए उन्होंने सरकार को एक दस सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया है। यदि सरकार द्वारा शीध्र ही मांग पत्र में दी गयी समस्यों का समाधान नहीं किया तो जनान्दोलन छेड़ा जायेगा। मांग पत्र में कंडी रोड़ के शीध्र निर्माण की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि कड़ी रोड़ दोनों मण्डलों (गढ़वाल-कुमाऊं) को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है तथा रोड़ गढ़वाल-कुमाऊं की जीवन रेखा है। स्वतन्त्रता से पूर्व भी यह मार्ग आवाजाही के लिए खुला हुआ था तथा स्वतन्त्रता के बाद इस मार्ग पर गंगा बस सर्विस चलती थी। उन्होंने 1980 के वन कानूनों को पलायन का मुख्य कारण माना तथा सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखण्ड के स्थायी निवासियों को वन अधिनियम-1980 में छूट प्रदान की जाए तथा स्थानीय निवासियों को वन के हक- हकूक प्रदान किये जाएं जैसे कि सन 1980 से पूर्व थे। उन्होंने कहा कि वषों पुरानी कोटद्वार जिले की मांग को शीध्र पूरा किया जाए। कण्वाश्रम का विकास न किये जाने पर भी उन्होंने रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ट्रेचिंग गा्रउण्ड, कोटद्वार मोटर नगर बस अड्डे का शीघ्र निर्माण निर्माण किया जाय। उन्होंने कोटद्वार में आपदा प्रबन्धन की समुचित व्यवस्था किये जाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गढ़वाल रॉइफल्स के जन्मदाता बलभद्र सिंह नेगी को भारत रत्न दिया जाए। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि आमजन के हित में जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए।
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