आजादी के मायने : आर्थिक समृद्धि एवं समाजसेवा - TOURIST SANDESH

Breaking

रविवार, 25 अगस्त 2019

आजादी के मायने : आर्थिक समृद्धि एवं समाजसेवा

कर्म योग से प्राप्त की आर्थिक समृद्धि और समाज सेवा को बनाया जीवन का लक्ष्य

गढ़वाल का हृदय स्थल नयार घाटी सदियों से रत्नप्रसूता रही है। यह धरा अनेक कर्म योद्धाओं की जन्म या कर्मस्थली रही है। अपनी इसी विशेषता के कारण इस क्षेत्र का विशेष महत्व रहा है। इसी विशेषता के कारण ग्राम दणोली डाकखाना खण्डोनी जनपद टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड में जन्मे सुंदर सिंह चौहान ने इसे अपनी कर्म भूमि चुना तथा अपनी विशिष्ट पहचान बनायी। सुंदर सिंह चौहान का जन्म  9 मई 1949 को हुआ था। आपकी माता का नाम धागी देवी तथा पिता का नाम अर्जुन सिंह चौहान है। सन् 1966 में दर्शनी देवी से आप विवाह सूत्र में बंध गए। परिवार के भरण-पोषण की चिन्ता आपको ऋषिकेश खींच लायी। शुरूआत बस कण्डक्टरी से की तथा बाद में बैंक से फाइनेंस कराकर स्वयं की बस खरीदी बाद में एक और बस भी खरीद ली। किन्तु भाग्य में यह स्वीकार न था। बैंक कर्ज के बोझ के कारण दोनों बसें बेचनी पड़ी। पुनः रोजगार की तलाश में दिल्ली से असम तक की दौड़ लगायी। परन्तु नियति आपको असम से कोटद्वार खींच लायी। कोटद्वार पहुंचकर ट्रक चालक बन गये। स्वयं की मेहनत तथा लगन के बल पर बैंक ऋण लौटा कर अपने गांव वापस आ गये। सन् 1979 में पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से दूसरा विवाह किया। इसी दौरान ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़ा परन्तु विपक्षियों के साजिश के कारण हार का सामना करना पड़ा। विपक्षियों की साजिश के खिलाफ आप न्यायालय गये तथा न्याय आपके पक्ष में हुआ परन्तु फिर भी आपने विपक्षी को ही प्रधान पद पर बरकरार रखा आपकी उदार मन की समूचे क्षेत्र में खुले दिल से प्रशंसा की गयी।
    अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति  हेतु 1983 में पिताजी के देहांत के पश्चात आपने  बैंक से फाइनेंस करवाकर एक ट्रक लिया। ट्रक से गल्ला ढुलान आदि के साथ साथ विश्व बैंक की योजना के तहत् जलागम से पेड़ लगाने का कार्य लिया तथा सतपुली में अपना रैन-बसेरा किया। नयारघाटी ने आपने अपने सपनों को पंख लगाये तथा इसके बाद आपने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1990 में तमाम बाधाओं के बावजूद भी आपने 10 साल के लिए खनन का पट्टा स्वीकृत करवाया। दंगलेश्वर महादेव के प्राचीन मंदिर के प्रति आपकी गहन आस्था है। धार्मिकता से ओत-प्रोत सुंदर सिंह चौहान सदैव दीन-दुःखियों, समाज के जरूरतमंद की मदद के लिए सदैव आगे रहते हैं। यही कारण है कि आपकी आय का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों में खर्च हो जाता है। आपके द्वारा सतपुली में एक वृद्धाश्रम का निर्माण करवाया गया है। इस वृद्धश्रम में जरूरतमंद वृद्धओं की निशुल्क देखरेख की जाती है। समाज सेवा के लिए समर्पित सुंदर सिंह चौहान मानवता की मूर्ति हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें