पशु सेवा को बनाया अपना धर्म
कोटद्वार । आकृति प्राणी सेवा समिति की संचालिका एवं पशु प्रेमी सुषमा जखमोला आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है उन्होंने सड़कों पर आवारा, बेजुबान पशुओं की सेवा निःस्वार्थ भाव से कर उसे ही अपना धर्म बना लिया है। अनेक बार घायल पड़े पशुओं को अपने बच्चे कि तरह इलाज कराने के बाद उनके पालन पोषण करने की मिसाल कायम की है सुषमा जखमोला अब तक हजारों निरीह पशुओं की जान बचाने में सफल रही है। पशु प्रेमी सुषमा जखमोला ने विगत कई वर्षों से दुर्घटना में घायल जानवरों को अपने स्वयं के संसाधनों से इलाज किया है साथ ही अनेक पशुओं के पालन -पोषण की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है उनके पशु प्रेम को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने वर्ष 2016 में उन्हें कोटद्वार में मालन नदी के किनारे 3 बीघा भूमि उपलब्ध कराई है। उक्त भूमि पर विभिन्न पशु प्रेमियों तथा समाज सेवियों की मदद से सुषमा निरीह पशुओं के लिए चारा, दाना-पानी आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराती है घायल पशुओं के लिए इलाज उपलब्ध कराना सुषमा की प्राथमिकता में है। सुषमा पशु क्रूरता निवारण समिति की सदस्य भी है अब तक 46 सम्मानों से सम्मानित सुषमा जखमोला एक कुशल मंच संचालिका भी हैं। गौ सेवा के लिए समर्पित सुषमा का आदर्श वाक्य पशु सेवा ही है, गौ सेवा को ही सुषमा ने अपना धर्म माना है।
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