प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. शिव प्रसाद डबराल ‘चारण’ की 26वीं पुण्यतिथि पर विशेष व्याख्यान माला आयोजित
कोटद्वार। उत्तराखंड के प्रख्यात इतिहासकार, गढ़वाली तथा हिन्दी साहित्यकार, भूगोलवेत्ता और शिक्षाविद डॉ. शिव प्रसाद डबराल ‘चारण’ की 26वीं पुण्यतिथि पर कोटद्वार में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विशेष व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। नगर निगम प्रेक्षागृह में धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने डॉ डबराल को महान विभूति बताते हुए कहा कि डबराल जैसा व्यक्तित्व सैकड़ों सालों में एक बार जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि, महान विभूतियों के समाज में योगदान को याद करते हुए कोटद्वार में साहित्यिक गोष्ठियां और लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किए जाने चाहिए। हिमालयन विद्या भवन समिति द्वारा आयोजित शिवप्रसाद डबराल स्मृति व्याख्यानमाला में प्रस्ताव पारित कर विधानसभा अध्यक्ष ऋतुभूषण खंडूड़ी से आग्रह किया गया कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में डाॅ डबराल पर एक पीठ स्थापित की जाए। ऋतु भूषण खंडूरी ने डॉ डबराल के कृतित्व से छात्रों को जोड़ने को पर बल देते हुए कहा कि, पीठ स्थापित करने में उनका पूरा सहयोग रहेगा। कार्यक्रम में बच्चों ने योग मुद्राओं की शानदार प्रस्तुति दी। बच्चों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कवि एवं साहित्यकार लोकेश नवानी ने कहा कि डॉ. शिव प्रसाद डबराल ने इतिहास और साहित्य का जो अद्वितीय संरक्षण किया, वह आज भी शोधार्थियों का आधार है। समिति के अध्यक्ष अभिषेक डबराल ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। डॉ० शान्ति प्रसाद डबराल ने आचार्य डबराल के व्यक्तित्व तथा प्रोफेसर गिरिजा प्रसाद पांडे ने उनके कृतित्व पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उत्तराखण्ड में विकास की संभावनाएं एवं नवाचार विषय पर चर्चा में विचारक उद्यमी एवं महिला समूह प्रमुखों प्रेरकों ने भाग लिया, उमेश ध्यानी, मितेश्वर आनन्द, आशीष डबराल, दीपक ध्यानी, एवं अनीता आनन्द ने अपने अनुभव साझा करते हुए सुझाव दिये।
इस अवसर पर योगेश पांथरी, मनोज इस्टवाल, अरुण पांथरी, जागेश्वर जोशी, प्रशांत जोशी, दिग्विजय सिंह, डॉ० जगदम्बा कोटनाला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र ध्यानी ने किया।

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