‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’ सुरखेत ओल्ड स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन का हुआ गठन
कोटद्वार। एकेश्वर प्रखण्ड के पब्लिक इण्टर कॉलेज सुरखेत के चहुमुँखी विकास में पूर्व छात्र-छात्राओं के योगदान व सक्रिय भागीदारी हेतु ‘‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ सुरखेत ओल्ड स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन का गठन किया गया है।
विद्यालय के गणित प्रवक्ता तथा एन0एस0एस0 के गढ़वाल मण्डल कार्यक्रम समन्वयक पुष्कर सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय से पढ़ाई पूरी करके देश के अलग-अलग शहरों में नौकरी कर रहे विद्यार्थियों के छात्र जीवन के अनुभवों तथा विद्यालय के संसाधन विकास में उनकी सक्रिय सहभागिता और सहयोग के लिए ‘‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ (सोसा) का गठन किया गया है। शिक्षक पुष्कर सिंह नेगी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में पूर्व छात्र मनोज भण्डारी, जगमोहन रावत, मनमोहन सिंह नेगी, अतुल रावत द्वारा पिछले दो-तीन साल से पूर्व छात्रों से सम्पर्क स्थापित करके उन्हें एकजुट करने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे थे। उन्होंने बताया कि ‘‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ (सोसा) के गठन से जहां विद्यालय के भौतिक संसाधन विकास में मदद मिलेगी वहीं पलायन का दंश झेल रहे पर्वतीय क्षेत्र के गांवों में पूर्व विद्यार्थियों के आगमन से गांवों की रौनक बढ़ेगी, पलायन कम होने से विद्यालय की छात्र संख्या में वृद्धि होगी और इसके साथ ही वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों को उनके अनुभवों से प्रेरणा मिलेगी। 13 मार्च को दिल्ली, 18 मार्च को गुडगाँव, 27 मार्च को देहरादून, 03 अप्रैल को कोटद्वार तथा 05 अप्रैल को इण्टर कॉलेज सुरखेत में आयोजित हुई कई दौर की बैठकों के बाद ‘सुरेखत ओल्ड स्टूडेन्ट एसोसिएशन’ (सोसा) का गठन कर दिया गया है। शीघ्र ही सोसा की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का चयन कर लिया जायेगा। विद्यालय के प्रधानाचार्य हीरा सिंह तोमर तथा प्रबन्धक प्रदीप सिंह के साथ विचार-विमर्श करके सर्वसम्मति से ‘‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ (सोसा) का गठन किये जाने की स्वीकृति मिलने के पश्चात् अगले माह 29 मई 2022 को ‘‘सुरखेत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ (सोसा) के बैनर तले वर्ष 1968 में विद्यालय की स्थापना से लेकर वर्तमान तक विद्यालय को अपनी सेवायें देने वाले गुरूजनों और कार्मिकों को सम्मानित करके उनका आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा।
‘‘सुरेखत पुरातन विद्यार्थी संगठन’’ (सोसा) के गठन में पूर्व छात्र मनोज भण्डारी, जगमोहन रावत, वीरेन्द्र सिंह, हर्षपाल सिंह, प्रदीप सिंह, मनमोहन सिंह नेगी, अतुल रावत, विनोद रावत, प्रदीप राणा, सुमन पांथरी, संतोष सुन्द्रियाल, सुनील सुन्द्रियाल, विक्रम सिंह, मनमोहन जुयाल, दीपक चौहान, धर्मेन्द्र सिंह, पवन सिंह, हरिगंगा रमोला, नरेन्द्र सिंह, ताजवर सिंह, पूरन चंद्र जोशी, ममता रावत, किरन नेगी, सरोजनी नेगी, भगवती नेगी, सुमन चौहान, रेनू, पूनम, सुनीता, देवेश्वरी, कल्पेश्वरी, कान्ति रमोला, कौशल्या, अनीता रमोला, सोहन सिंह, मोहन चौहान, सूरज रमोला, अनूप रावत, दीपक सिंह एवं अन्य ने सक्रिय सहयोग किया।
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