घसियारी योजना और पधनी बौ की चिठ्ठी - TOURIST SANDESH

Breaking

रविवार, 31 अक्तूबर 2021

घसियारी योजना और पधनी बौ की चिठ्ठी

 घसियारी योजना और पधनी बौ की चिठ्ठी

प्रिय देवर जी, 

बधाई च कि, तुमन घसियारी दीदि-भुली तथा हमरा गौं क गौरू-बछरों क बारा मां सोचि अर निरभगी घसियारी कल्याण योजना प्रदेश मा लागू करि । हम सब्बि दीदि-भुली तुम्मरा आभारी रौला कि, तुमन इनी असुन्दर सस्ती लोकप्रिय का वास्ता योजना क बारा मा विचार करि पर देवर जी या बात मेरा समझ मा नी आई कि, तुम इतना बुद्धिमान कब बटि ह्वै गयां। गौं मा त तुम निरपट लाटा छ्या अचानक या बुद्धि बल कख बटि प्रगट ह्वैगि । पशु फास्ट फूड कू आईडिया तुमरा दिमाग की उपज त नी ह्वै सकदी जरूर क्वी भैरी शक्ति रै होलि ज्योन तुमरा दिलो-दिमाग मा यू आईडिया घुसे होलू ।  कम से कम वू त पहाड़ अर पहाड़वासी का हितैषी त नी  ह्वै सकदा। तभी त हमरा जंगलों क घास अर लखड़ो पर भी कब्जा करना का वास्ता या योजना तुम ल्यां । अग्रेजों का टेम पर भी हम थैं हक-हकूक का वास्ता लडै लड़न पड़ी छ शायद तुमन भी उवीं याद थैं ताजा कन  का वास्ता य निरभगी, निर्दयी योजना थैं इनू स्वरूप प्रदान करी । ताकि मेरा गौं की क्वी भी बेटी-ब्वारी जंगळ मा नी जै सकू अर ये जंगळ मा देशी-विदेशी कम्पनियों कू कब्जा ह्वै साकू । प्रिय देवर जी मैं थैं त तुमसे या उम्मीद नी छ पर तुमन त योजना ल्यै की कमाल ही करी दे । अब मैं थैं पक्कू यकीन ह्वै गी कि तुम पैली भी लाटा छाया, आज भी लाटा ही छां और सदनी तुमन लाटा ही राण ।  पहाड़ की पहचान, धरोहर, संस्कृति, आचार- विचार, व्यवहार तथा संस्कार त  तुमन सब्बी साहूकारों का इख गिरवी रख देन त फिर तुमसे आशा भी क्या ह्वै सकदी । चिठ्ठी बन्द कनू छं पहाड़ का प्राण मा भारी निराशा च पर जब अपड़ू सोनू खोट ह्वै गै त विरणा से क्या आशा कन । दरबारी मुनीम से और  उम्मीद  भी क्या  ह्वै सकदी।

तुमरी भाभी

पधनी बौ

 डांडा घसियारी 


4 टिप्‍पणियां: