हरियाली धरती
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राजीव थपलियाल |
हरे पेड़ों को कभी न काटें,पेड़ पौधे खूब लगायें।
सुंदर और आकर्षक हो वसुधा हमारी,आओ सब मिलकर इसे खूब सजाएं।।
हर कस्बे और नगर-शहर में,वृक्ष खूब हंसे और मुस्करायें।
आने -जाने वाले राही और पक्षी, बैठ कर आनंदित हो जायें।।
सर्वत्र हरी भरी हो धरती हमारी, सुखद वातावरण बनायें।
जीव - जंतु सभी निर्भय हों, सब मधुर स्नेह बरसायें।।
वसुंधरा पर खिलें रंग बिरंगे फूल, मन को सदा गुदगुदायें।।
रहे निर्मल सदा गगन-धरा, सलिल-समीर बारंबार महकायें।।
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