टूरिस्ट संदेश ने किया वेबिनार का आयोजन - TOURIST SANDESH

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सोमवार, 29 जून 2020

टूरिस्ट संदेश ने किया वेबिनार का आयोजन

टूरिस्ट संदेश ने किया वेबिनार का आयोजन

 लघु समाचार पत्रों को सामूहिकता के साथ आगे बढ़ने पर दिया जोर

प्रकाशित सामग्री की गुणवत्ता पर देना होगा ध्यान

आत्मनिर्भरता के लिए करने होंगे प्रयास

लघु समाचार पत्रों के प्रति सरकार की उदासीनता पर उठाए सवाल

 कोटद्वार। (रविवार 28 जून)  टूरिस्ट संदेश मासिक पत्रिका द्वारा  कोरोना काल में कैसे बच पायेंगे लघु समाचार पत्र विषय पर आयोजित वेबिनार में शामिल वक्ताओं ने लघु समाचार पत्रों के संचालकों को आधुनिकतम संचार माध्यम का उपयोग करने पर जोर दिया। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि वर्तमान संकटकाल में  लघु समाचार पत्रों के संचालकों को एकजुट होकर इस  परिस्थिति का मुकाबला करना चाहिए। टूरिस्ट संदेश के सम्पादक सुभाष चंद्र नौटियाल ने वेबिनार में शामिल सभी जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लघु समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रकाशित सामग्री ऐसी होनी चाहिए जो ज्ञान वर्धक , स्वतंत्र,वस्तुपरक तथा निष्पक्षता के साथ-साथ जनहितैषी हो। स्वतंत्र वस्तुपरक तथा निष्पक्ष समाचार संपादन लोकतंत्र का आधार है। सनसनी फैलाने वाली झूठी खबरों तथा सस्ती लोकप्रियता से लघु समाचार पत्रों को बचना चाहिए। वेबिनार में शामिल जे.  पी. मैठानी ने कहा कि  इस समय लघु समाचार पत्रों के मालिकों तथा सम्पादकों को सामूहिकता का परिचय देते हुए एकजुट रहना होगा। सामूहिकता से ही लघु समाचार पत्र वर्तमान संकटकाल का मुकाबला कर सकते हैं। सामूहिक हितों को ध्यान में रखकर ही यदि लघु समाचार पत्र आगे बढ़ेंगे तो ही अपने अस्तित्व को बचा सकते हैं। डॉ शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि जब से उत्तराखंड बना है राज्य सरकार ने लघु समाचार पत्रों को हासिये पर धकेल दिया है। यदि उन्हें अपना अस्तित्व बचाना है तो अपेक्षित सभी लघु समाचार पत्रों के स्वामियों को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए एक मंच पर आने की आवश्यकता है। दिनेश पाल गुसाईं ने कहा कि पत्रकारिता के वर्तमान दौर में पत्रकार, सरकार का पक्षकार और विपक्षकार दो भागों में बंट चुका है। जिसके कारण वास्तविक खबरों का अभाव हो चुका है । यह पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है । एक सच्चा पत्रकार वहीं होता है जो निष्पक्ष होकर संकलित समाचारों का प्रकाशन करता है। अनूप पटवाल ने कहा कि उत्तराखंड से प्रकाशित क्षेत्रीय सामाचार पत्रों को इस कोरोना काल में उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कार्य करना चाहिए ताकि वापस आये युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। अन्नू पन्त ने कहा कि आज भी गुणवत्ता पूर्ण सामग्री पढ़ने वाले पाठकों की कमी नहीं है।  समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली सामग्री की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है। अपूर्ण या भ्रामक समाचारों के कारण पाठक वर्ग सामाचार पत्रों से विमुख हुआ है। लघु समाचार पत्र गुणवत्ता पूर्ण सामग्री प्रकाशित कर अपनी प्रसार संख्या में वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि, लघु समाचार पत्रों को शीघ्र ही आर्थिक पैकेज दिया जाय। वेबिनार में लघु समाचार पत्रों की ओर सरकार की उदासीनता पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी। वेबिनार में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राज्य सरकार इस मुश्किल समय में लघु समाचार पत्रों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराये। वेबिनार के आयोजक सुभाष चन्द्र नौटियाल ने ऑनलाइन उपस्थित सभी जनों का आभार व्यक्त किया।

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