पर्यावरण के चिंतन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : जगत सिंह जंगली* - TOURIST SANDESH

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बुधवार, 18 मार्च 2020

पर्यावरण के चिंतन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : जगत सिंह जंगली*

पर्यावरण के चिंतन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : 

जगत सिंह जंगली

कोटद्वार। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वावधान में आज कोटद्वार में एक शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पौडी जनपद के विभिन्न विकासखंडों से आये शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।फाउंडेशन के समन्वयक डॉo संजय नौटियाल ने बताया कि इस संगोष्ठी में मुख्य सन्दर्भदाता  श्री जगत सिंह जंगली जी ने  शिक्षकों के साथ अपने अनुभवों  और अपने द्वारा विकसित मिश्रित जंगल के बारे में विस्तार से अपनी बात साझा की।जगत सिंह जी ने कहा कि,पर्यावरण संतुलन के विचार को आगे बढ़ाने में  शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है वे  कैसे बच्चों को कक्षा- कक्ष की चाहरदीवारी से बाहर निकल  कर  अपने आस पास के जीवन और इको सिस्टम और उनकी परस्पर  अन्योन्याश्रित के प्रति सचेत कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने सभागार में बैठे सभी लोगों को इस इस बात से भी सचेत किया कि,समय रहते यदि इस ओर हम सभी ने मिलकर ध्यान नहीं दिया तो इसके गंभीर परिणाम के लिए भी हम सभी को तैयार रहना चाहिए ,इसलिए शिक्षकों की भूमिका   आम जन  के साथ-साथ बच्चों को भी इस दिशा में विचार कराने की तरफ और भी महत्वपूर्ण हो जाती है । इस संगोष्ठी में अज़ीम प्रेमजी फॉउंडेशन के गढ़वाल प्रभारी जगमोहन कठैत , शिक्षक राजीव थापलियाल, जसपाल असवाल, मयंक कोठारी ,रघुनाथ गुसाईं , विपिन बडोला,अज़ीम नकवी,  चंद्र मोहन , रिद्धि भट्ट,संगीता उनियाल, कुल गौरव ,देवेंद्र नेगी, सुनील पंवार, मोहन सिंह गुसाईं,लक्ष्मी नैथानी, आशा बुढाकोटी, हरिचरण चतुर्वेदी , मुदित शाह ,पुष्पा वर्मा, पुष्कर सिंह, शिव प्रसाद भारद्वाज,मीनाक्षी थपलियाल,मोहिनी नौटियाल,मोनिका रावत,गोदाम्बरी बिष्ट, पंकज शुक्ला,शशिकला बिष्ट, सुनील प्रभा,अनिता खंतवाल, हेमलता खंतवाल,सीमा भारद्वाज,यशपाल बिष्ट,पंकज जोशी,दिनेश बिष्ट, निर्मला नेगी,मनमोहन नेगी,सुखदेव,शशिभूषण अमोली,मेहरवान सिंह,महेंद्र राणा,सतीश देवरानी,जगदीश देवराड़ी, सुभाष नौटियाल,कमल बिष्ट, चंद्रजीत बिष्ट, अजय तिवाड़ी, राजीव घिल्डियाल,कैप्टेन पी एल खंतवाल, प्रकाश चंद कोठारी,शिव प्रसाद कुकरेती,सुरेंद्र लाल आर्य,आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन राजीव थापलियाल ने किया।

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