निष्प्रोज्य पदार्थ प्रबन्धन विशेषज्ञ - TOURIST SANDESH

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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

निष्प्रोज्य पदार्थ प्रबन्धन विशेषज्ञ

इनसे मिले:

 निष्प्रोज्य पदार्थ प्रबन्धन विशेषज्ञ

बबीता ध्यानी
दुनिया में पदार्थ की स्वीकार्यता उसके अनुप्रयोग से ही संभव है। मनुष्य ने अपने भौतिक सुख साधना, सुख साधना साध्य के रूप में पदार्थों को संकलित व सम्वृद्धि किया। मानवीय कौशल से कभी-कभी प्रकृति ने स्वयं को अचंभित महसूस किया है। प्रकृति को ही दर्शन में शरीर खलु धर्म साधनम् का पर्याय माना गया है, जितने मनुष्य उतनी ही प्रकृति के स्वरूप।
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प्राप्त है। ये धरती कितना देती है आज भी रहस्मय है। परंतु अंततः माटी में मिल जाना ही जीवन की नियति है। जीवन पर्यन्त मनुष्य आजीवन अपने जीवन सत्र को   विभिन्न परासों  सामाजिक/सांस्कृतिक/सम-सामयिक कई हिस्सों में बांटकर सफर करता है। परन्तु कुछ संवेदनशील व कर्मयोगी अपने जीवन में हमेशा नवीन स्वीकार्यता व प्रयोग के अनुभूत प्रयोग करते हैं। क्षेत्र विशेष की सकारात्मक ऊर्जा ही उन्हें खास व विशिष्ट बनाती है।
इनसे मिले के मंच में आज हम एक ऐसे उर्जावान पूर्व सैनिक से मिलंेगे जिनकी असाधारण सोच उन्हें समाज में विशेष पहचान देती है।
योगम्बर सिंह रावत, मूल ग्राम कुठार पट्टी मल्ला ढांगू चैलूसैंण जनपद पौड़ी के ग्रामीण क्षेत्र में जन्मे योगम्बर सिंह रावत की प्रारम्भिक शिक्षा प्राइमरी स्कूल कुठार कलसी व माध्यमिक शिक्षा इण्टर कालेज सिलोगी एवं हायर सेकण्डरी नो सेना ब्वाइज ट्रेनिंग स्कूल विशाखापट्टनम से हुई। 1973 से 18 वर्ष नौ सेना व 18 वर्ष मर्चेण्ट नेवी की सेवा उपरान्त कोटद्वार के जशोधरपुर में आवास बनाया व सेवानिवृति उपरान्त सामाजिक सेवा को अपना प्रथम लक्ष्य बना लिया। मूल रूप से स्पष्टवादी व फक्कड़ मिजाज के श्री रावत सामुदायिक व सामाजिक सेवा में हमेशा हरदम अग्रणी रहते हैं। परन्तु वह सिर्फ एक पूर्व सैनिक ही हैं बल्कि वे कला प्रेमी भी हंै। सेना में तकनीकि अधिकारी होने के कारण हमेशा नवीनता और नवाचार उनकी विशेष प्रवृति रही।
श्री रावत ने निष्प्रोज्य पदार्थ जैसे पुरानी बोतल ढक्कन, रेपर, रबर, प्लास्टिक, गत्ते के टुकड़े पेन/रबर, पिन, पुराने बर्तन दीये, पत्थर, जड़, पौधों के समन्वय व संयोजन से बेकार पड़ी वस्तुओं को कलात्मक ढंग से सजावटी समान में बदल दिया है। यह हुनर व विशेषता उन्हें एक अलग पहचान देती है। उनके घर आंगन में निष्प्रोज्य पदार्थों द्वारा प्रयुक्त कई सजावटी वस्तुएं उनकी सृजनशीलता को परिभाषित करते हैं।
श्री रावत गढ़वाल सभा कोटद्वार के पूर्व में अध्यक्ष भी रह चुके हैं और मालिनी वैली बी.एड. कालेज के प्रबन्धन तंत्र में भी सक्रिय है। निष्प्रोज्य वस्तुओं से रंग-बिरंगी सुंदर वस्तुओं को नवीन रूप ढालने वाले श्री रावत कहते हैं कि युवा वेस्ट मटेरियल मैनेजमेंट से आजीविका भी प्राप्त कर सकते हैं।
यह प्रबन्धन रोजगार के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रम की तस्दीक भी करता है।  योगम्बर सिंह रावत जैसे उर्जावान व्यक्तित्व से नई पीढ़ी निश्चिय रूप से अभिप्रेरित होगी। वर्ष 2012 से वे निष्प्रोज्य वस्तु प्रबन्धन पर कार्य कर रहे हैं।
(प्रस्तुतकर्ता रा0बा0इ0का0कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं।)

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