गांधी जयंती के अवसर पर फ़ोटो प्रदर्शनी और सेमिनार का आयोजन
कोटद्वार। अज़ीम प्रेमजी फॉउंडेशन और टूरिस्ट संदेश मासिक पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में गाँधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज सुखरौ कोटद्वार में एक फोटो प्रदर्शनी और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे गांधी जी के जन्म से लेकर बिरला हाउस में उनके अन्तिम दिन के भजन तक की पूरी यात्रा को 150 पोस्टर्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। शिक्षक, स्कूली बच्चों के साथ -साथ आम जन मानस ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गांधीवादी विचारक शिवदत्त मिश्र ने गांधी जी ने वर्तमान परिपेक्ष्य में गांधी जी के शैक्षिक दर्शन का महत्व विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि बच्चे को सबसे प्रभावी शिक्षा उसकी मातृभाषा में ही दी जा सकती है क्योंकि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सभ्य इन्सान बनाना है न कि एक नौकर पैदा करना ,साथ ही वह नई तालीम में किस प्रकार से बच्चों को शिक्षा दी जा सकती है और वर्तमान शिक्षा व्यवस्था से वह किस तरह अलग है पर भी विमर्श किया गया शिवदत्त ने उपस्थित शिक्षकों और अन्य सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों से आवाह्न करते हुए कहा कि बच्चों के सर्वागींंण विकास के लिए मात्रृभाषा में शिक्षण सबसे उपयुक्त विधि है. दुनिया की कोई भी भाषा सीखिए लेकिन मातृभाषा को हमेशा याद रखें. उन्होने बताया कि केवल भारत में ही अंग्रेजी को आवश्यकता से अधिक महत्व दिया जाता है .कुछ विकसित देशों की उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि वहां पर अंग्रेजी केवल उन्हीं लोगों को पढ़ाई-सिखाई जाती है जिन्हें अंग्रेजी भाषा भाषाई देशों, मन्त्रालयों में काम करना होता है. बाकि इन देशों में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा का ही प्रयोग किया जाता है।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रविन्द्र सिंह रावत , टूरिस्ट संदेश पत्रिका के संपादक सुभाष चंद्र नौटियाल ,सर्वोदयी सेविका शशिप्रभा रावत, अज़ीम प्रेमजी फॉउंडेशन के संजय नौटियाल ,मुदित और स्वीटी, डॉ.नंद किशोर ढौंडयाल, कमल बिष्ट , सुधीन्द्र नेगी , महावीर अग्रवाल, डबल सिंह , प्रकाश चंद कोठारी , शक्तिशैल कपरवान और विद्यालय के शिक्षक आदि उपस्थित रहै।
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