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वक्त निकल रहा...................... खुद पर विश्वास कर,
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पारुल बिष्ट |
बढ़ते रहने का प्रयास कर
ठोकरों से रुकना न तू,
ये वक़्त यूँ ही निकल रहा।
समाज की कुरीतियों को,
हार - जीत की नीतियों को,
सोच कर समय न गँवा,
ये वक़्त यूँ ही निकल रहा।
न डर तू मेहनत से,
कंटीले इस पथ से,
डर की बेड़ियों को. तोड़ आगे बढ़,
ये वक़्त यूँ ही निकल रहा।
सीख इस वक़्त से
निरंतर यह चल रहा,
क्या प्राणी, क्या नियम,
सबको अपनी मुठ्ठी में कर
ये वक़्त बस निकल रहा ये वक़्त बस निकल रहा।......
#लेखक डी एल एड
प्रशिक्षु राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय सुखरौ देवी
कोटद्वार हैं#
Shabash Parul.Achhi koshish. Keep it up.
जवाब देंहटाएंDr. Muzahid hussain.