"ड्रामा इन एजूकेशन" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
अज़ीम प्रेमजी फॉउंडेशन के तत्वावधान में "ड्रामा इन एजूकेशन" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।जिसमें 35 प्रतिभागियों ने बेहतरीन ढंग से ड्रामा की तकनीकियों तथा उनके स्टिल इमेज विधा के शिक्षणशास्त्रीय उपागमों पर विशेष रूप से चर्चा की और बारीकियों को सीखने का प्रयास किया ।फॉउंडेशन के मुख्य संदर्भ व्यक्ति गणेश बलूनी ने बताया कि, नाट्यविधा को शिक्षण विधा के रूप में अपनाए जाने की आवश्यकता है , इस विधा के द्वारा कक्षा –कक्ष में बच्चों के अन्दर लोकतान्त्रिक मूल्यों का समावेश किया जा सकता है और साथ ही बच्चों के अन्दर रचनात्मक सोच का विकास किया जा सकता है |फॉउंडेशन के समन्वयक संजय नौटियाल ने बताया कि,शिक्षकों का अवकाश के दिनों का सदुपयोग इस प्रकार की कार्यशालाओं में स्वेच्छा से प्रतिभाग करना बहुत ही काबिले तारीफ और उर्जा देने वाला है।इस मौके पर मुदित शाह,गोदाम्बरी बिष्ट,राजीव थपलियाल,मोहन सिंह गुसाईं, जसपाल असवाल,राजीव घिल्डियाल,लक्ष्मी नैथानी,मंजू कपरवान,मोहिनी नौटियाल,संगीता उनियाल,शैलजा जोशी,जागृति कुकरेती, नीरज ध्यानी,मनमोहन सिंह,शैलेन्द्र नौटियाल,जयप्रकाश केस्टवाल,सीमा भारद्वाज,सरोजनी रावत,विनोद रावत,सुंदरलाल जोशी,आशा बुडाकोटी,महिपाल,सुरेश बिष्ट,सिद्धि नैथानी,हिमानी नैथानी,हेमांग,दिनेश बिष्ट,अजेश रावत,यशपाल बिष्ट,भास्करानंद, मोनिका रावत,सुनील प्रभा सैनी,आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन करते हुए राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय सुखरौ (देवी) कोटद्वारा के शिक्षक राजीव थपलियाल ने फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर शिक्षक साथियों के लिए चलाए जा रहे इस तरह के रुचिकर और ज्ञानवर्धक कार्यों की मुक्तकंठ से प्रंशसा की,और फाउंडेशन के साथियों संजय नौटियाल,मुदित शाह और गणेश बलूनी के शानदार प्रयासों की भूरि-भूरि प्रसंशा की।और निकट भविष्य में भी इस तरह के शैक्षिक कार्यक्रमों को कोटद्वार में आयोजित करने की अपील की,ताकि अधिक से अधिक ऊर्जावान साथियों को इन कार्यशालाओं में प्रतिभाग करने का मौका मिल सके,और इसका लाभ सभी साथी अपने विद्यालय के बच्चों तक पहुंचा सकें।और अधिक से अधिक शिक्षक साथी और विद्यार्थी इन गतिविधियों से लाभान्वित हो सकें ।
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