‘भारत नामधेय चक्रवर्ती सम्राट भरत’ की मूर्ति की स्थापना
कोटद्वार। डू समथिंग सोसायटी के तत्वावधान एवं क्षेत्रीय जनसहयोग से भारत नामधेय चक्रवर्ती सम्राट भरत की प्रतिमा का एमकेवीएन कण्वघाटी के प्रांगण में बसंत पंचमी के दिन स्थापित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंत्रोच्चारण, सरस्वती वंदना एवं हवन के साथ किया गया। महर्षि कण्व की तपःस्थली एवं भारत नामधेय चक्रवर्ती सम्राट भरत की इस विरासत कण्वनगरी को विश्व मंच पर एवं क्षेत्रीय पहचान देने हेतु ‘डू समथिंग सोसायटी’ की ओर से इस ऐतिहासिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कण्वनगरी कोटद्वार की मेयर हेमलता नेगी उपस्थित रहीं। अति विशिष्ट मुख्य अतिथि पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, विशिष्ट अतिथि के रूप में जमुना लाल बजाज पुरस्कृत मान सिंह रावत मौजूद रहे। कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में कण्वनगरी के पार्षदगण राकेश बिष्ट, गीता नेगी, शशी नैनवाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में गौरव उनियाल, मंजुल डबराल, वी आर बलूनी, बलराम सिंह नेगी, अनुसूइया प्रसाद डंगवाल, डॉ गणेश मणि, हीरा सिंह बिष्ट, अनिल बलूनी, मो0 आसिफ, कर्नल बी बी ध्यानी, सुनील कुमार शुक्ला, शिव प्रकाश कुकरेती, हर्षपाल सिंह रावत, सूर्य नारायण पाण्डेय, रमेश बलूनी आदि अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एमकेवीएन कण्वघाटी की कक्षा नौ की छात्रा खुशी राणा के द्वारा संस्कृत में प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी आगन्तुकों का अभिनन्दन एवं आभार प्रकट किया गया। वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हवन के उपरान्त कार्यक्रम में बच्चों द्वारा भगवान शंकर की स्तुति एवं नृत्य(तांडव) का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया। तदुपरान्त छात्र-ंछात्राओं नें महर्षि कण्व एवं भारत नामधेय चक्रवर्ती सम्राट भरत आधारित जीवन पर नाटिका का मंचन किया,। बच्चों द्वारा अनेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। शशी भूषण अमोली ने कार्यक्रम का संचालन का कार्य किया। इस अवसर पर ‘डू समथिंग सोसायटी’ के अध्यक्ष मयंक प्रकाश कोठारी ‘भारतीय’, संस्थापक प्रकाश चन्द कोठारी, सिन्धु कोठारी, एमकेवीएन इण्टरनेशनल सैन्टर हैड वीना मिस, उप-ंनिदेशिका सोनम पंतआरती कण्डवाल, डू समथिंग सोसायटी’ के सचिव विपिन जदली, कविता रावत, विपिन रावत, पुष्पा केष्टवाल, रेखा नेगी, अमित मैन्दोला, राखी नेगी, सपना रावत, शिखा रावत, विजयपाल सिंह नेगी आदि सभी शिक्षकगण, छात्र- छात्राएं एवं क्षेत्रीय जन मौजूद रहे।

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