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सोमवार, 17 दिसंबर 2018

राष्ट्रीय तीर्थ के रूप में विकसित होगा कण्वाश्रम



 कोटद्वार।सूबे के पर्यटन काबिना मंत्री सतपाल महाराज तथा वन एवं पर्यावरण काबीना मंत्री डॉ0 हरक सिह ने पर्यटन संरचना विकास निवेश कार्यक्रम देहरादून द्वारा पौडी एवं टिहरी में ग्रामीण पर्यटन विकास के अन्तर्गत कण्वाश्रम को पर्यटन स्थल क रूप में विकसित करने की योजना का विधिवत् पूजा अर्चना कर कार्य का शिलान्यास किया।
शिलान्यास कार्यक्रम के उपरान्त अपने संबोधन में काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज ये बडा ऐतिहासिक क्षण है कि हम लोग राजा भरत  की जन्म स्थली कण्वाश्रम था जहां पर दुशयन्त और शकुन्तला का संबंध हुआ और चक्रवर्ति सम्राट राजा भरत का जन्म हुआ। ऐसे स्थान को यहां पर विकसित करने जा रहा है। उनके संत पर्णो को यहां साकार करने जा रहे है। कहा कि पिछली सरकार ने इसे पिकनिक स्पाट का रूप  दिया था। यह पिकनिक स्पाट नही है। जबकि यह अपने आप राष्ट्रीय तीर्थ है। सवा सौ करोड भारत वासियों का तीर्थ है। उन्हे पता चलना चाहिए कि हम जब संकल्प में कहते है आर्यवर्त के अन्तर्गत अखण्ड राजा भरत के नाम से सुशोभित होता है। म्यांनमार से लेकर कन्धार तक विशाल राज्य था। ऐसा चक्रवर्ती सम्राट के जन्म स्थान का गौरव हमारे उत्तराखण्ड को प्राप्त हुआ है। इसके बारे में जानकारी मिली वह यह हुई कि रूस के लोगों ने अभिज्ञान शकुन्तलम का मंचन किया। उस नाटक में मालनी नदी का जिक्र आया। जिसको जानने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डा. सम्पूर्णा नन्द को भेजी गई। तब इसकी खोज शुरू हुई। तब मालूम हुआ कि कोटद्वार के क्षेत्र में यह मालनी नदी बहती है। इसके किनारे पर कण्वाश्रम है। तब से यह स्थान प्रसिद्धि में आया। उन्होंने योजना के तहत इस स्थल को राष्ट्रीय तीर्थ स्थल स्थापित करने में किये जाने वाले कार्यो कि चक्रवर्ती राजा भरत, ऋषि मुनियों की प्रतिमा मृग विहार, वन विहार, शकुन्तला विहार, ईको फ्रेण्डली स्टेक्चर, म्यूजियम, वेदिक प्लेस, फूड कोड काप्ट गेलरी, वाटर स्क्रीन शो सहित अन्य स्थल बनाये जायेगे। जिसके लिए करीब 25 करोड की धनराशी उपलब्ध की गई है। उन्होने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में लैंसडोन क्षेत्र से वृहत हिमालय दर्शन के लिए वायसरॉय ट्रेल का निर्माण किया जाएगा। जिससे लैंसडोन से पूरी हिमालयी श्रृंखला को देखा जा सकेगा। साथ ही पर्यटन के व्यवसाय को गति दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पास के कई पौराणिक धरोहर हैं। जिनका उचित दोहन किया जाना अभी बाकी है। कहा कि पौराणिक काल के स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर उकेरने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाभारत काल में पांडवों ने उत्तराखंड के कई स्थलों से होते हुए हिमालय जाने के लिए यात्रा की थी। कहा कि उन स्थलों को पुनः जीवित किया जाएगा। ऐसे कई मार्गों से लोगों को रूबरू किया जाएगा। कहा कि पांडव ट्रेल को पुनः विकसित करने की योजना सरकार के समक्ष रखी गई है। इस ट्रेल के माध्यम से जिन जिन स्थानों से होकर पांडव भगवान शंकर के दर्शन करने हिमालय गये। साथ ही महाभारत काल अन्य सभी स्थल जो कि पांडवों से जुड़े थे उन मार्गों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। योजना को मूर्त रूप देने के लिए सरकार से सौ करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव भी तैयार किया जा है। उन्होंने कहा कि धनराशि उपलब्ध होने के बाद इस ट्रैक को पर्यटन टै्रक के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे राज्य की न सिर्फ आर्थिकी सुदृढ़ होगी बल्कि बेरोजगारों को रोजगार भी प्राप्त होगा। साथ ही पलायन पर भी रोक लग पायेगी।
सभा का संबोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिह रावत ने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवन्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं पर्यटनमंत्री को बधाई दी। कहा कि उनके अथक प्रयास से राज्य के ऐतिहासिक धरोहर को वास्तविक स्वरूप मिलने जा रही है। जो कि राज्य सहित देश व विदेशों में निवासरत भारत वासियों के लिए गर्व को विषय है। कहा कि हमारी कथनी व करने में कोई अन्तर नही होता है। जिस कार्य करने के लिए कहते है उसे दृढ संकल्प के साथ पूर्ण कर लेते है। कहा कि शिलान्यास के साथ कार्य शुभारंभ करते है। उन्होंने उक्त परियोजना को तैयार करने तक एडीबी के महा प्रबंधक को तैनाती बनाये रखने का भी भरोश दिया। कहा कि युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य कराये जांय। उन्होने गेस्ट हाउस तक जाने वाले संपर्क मार्ग को विधायक निधि से तैयार करने के निर्देष दिये। जबकि समस्त क्षेत्र में रास्ते एवं नालियों का दुरस्त करने के लिए 27 करोड के कार्य किये जाने की बात की। आश्रम परिसर को वनभूमि से मुक्त करने आश्वासन दिया। जबकि चरेकडांडा आयुर्वेद शोध संस्थान के लिए 1200 नाली भूमि देने की बात कही। कहा कि शीघ्र ही चार वैज्ञानिकों की तैनाती उक्त शोध संस्थान के लिए किये जायेगे।
इस अवसर पर आश्रम संचालक ब्रहमचारी विश्वपाल जयंत, महामंत्री आभा डबराल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रश्मि राणा, महाप्रबंधक एडीबी पुर्षोत्तम गुप्ता, उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता, सीओ जेण्आरण् जोशी सहित गणमान्य जनप्रतिनिधि एवं आम जनमानस उपस्थित थे। 

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