कौन बनेगा कोटद्वार का मेयर? 

क्या कहती है कोटद्वार मेयर पद की दावेदार विभा चौहान ?
कोटद्वार नगर निगम मेयर पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत करने वालो में श्रीमति विभा चौहान प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। विभा चौहान मूल रूप से पूर्व शिक्षिका, उद्योगपति एंव सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में जानी जाती हैं। मनोविज्ञान से एम.ए. तथा बी.एड. विभा चौहान ने बी.एच.ई.एल. हरिद्वार तथा ठाकुर कॉलेज कंदाबली, मुम्बई में शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। आपके पति धीरेन्द्र चौहान रैपिड एक्शन फोर्स से डी.एस.पी. पद से रिटायर हुए हैं। समय-समय पर विभिन्न समाजिक कल्याणकारी कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान देकर आपने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। पिछले 19 वर्षों से आपने अपने घर में गरीब असहाय बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर समाज हित में अहम योगदान दिया है। मेयर पद की दावेदारी के सम्बन्ध में हमने श्रीमति चौहान से विस्तृत वार्ता की। प्रस्तुत है वार्ता के संक्षिप्त अंश............................
प्रश्न- मेयर पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत करने का कारण?
विभा चौहान- मेरे पति श्री चौहान आर.ए.एफ. से रिटायर होने के बाद जन सेवा में जुट गये। बाद में अपनी जनसेवा को बढ़ाने के लिए आप भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गये। मैं भी उनके कार्यों में सक्रिय योगदान देती रही हूं। मेरे जनसेवा के कार्यों से प्रभावित होकर छः माह पूर्व जब पार्टी हाईकमान ने मुझे बधाई देते हुए सूचित किया कि कोटद्वार में महिला सीट होने के कारण उन्हें पार्टी मेयर पद का प्रत्याशी बनायेगी। पहले तो मैंने साफ मना कर दिया था परन्तु जब पार्टी जनों ने जोर देकर कहा कि आप सक्रिय भूमिका में रहें, पार्टी ने आपको प्रत्याशी बनाने का निश्चय कर लिया है। मैं तो पहले से ही जनसेवा के लिए समर्पित हूं। परन्तु ऐन वक्त पर पार्टी ने मेरा टिकट किसी अन्य प्रत्याशी को दे दिया। यह मेरे लिए ही नहीं बल्कि सभी समर्पित कार्यकर्त्ताओं के लिए भी दुःखत था। ईमानदार तथा निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले कार्यकर्त्ता इस बात को लेकर काफी दुःखी थे तो उन्होंने मुझे जोर दिया कि आप निर्दलीय पर्चा भरें। क्या ईमानदारी और निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का पार्टी में यही परिणाम होता है। फिर जनसेवा में समर्पित कार्यकत्ताओं ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मुझे निर्दलीय पर्चा भरने का सुझाव दिया। समर्पित कार्यकर्त्ताओं के इस निर्णय को मैंने तथा मेरे पति ने स्वीकार कर लिया।
जनसेवा के लिए समर्पण व कार्यकर्त्ता महत्वपूर्ण होता है, वास्तव में किसी भी पार्टी की रीढ़ उसका कार्यकर्त्ता ही होता है। जनसेवा के नाम पर अवसरवादी लोग वंशवाद का सहारा लेकर पद हथिया लेते हैं जब कि उनकी जन सेवा सिर्फ दिखावे मात्र की होती है। जनभावनाओं का सम्मान करने के लिए मैंने जनता की अदालत में जाने का निर्णय लिया तथा जनभावनाओं का सम्मान की रक्षा करने के लिए आप लोगों के बीच मेयर पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी हूं। परिवारवाद से इतर यदि किसी अन्य जिम्मेदार निष्ठावान कार्यकर्त्ता को पार्टी टिकट मिलता तो मैं कभी भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत नहीं करती। बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी रहती। ठीक वही हाल कांग्रेस में भी है जहां निष्ठावान तथा लगनशील कार्यकर्त्ताओं की अनेदखी करते हुए परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया। मैं आपसे जानना चाहती हूं कि क्या सिर्फ नामचीन व्यक्तियों के परिवारिक सदस्यों को ही चुनाव लड़ने का अधिकार है? क्या पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्त्ता चुनाव नहीं लड़ सकता? लोकतंत्र में जनता ही श्रेष्ठ होती है तथा उसका निर्णय सर्वदा सभी को स्वीकार्य होता है। अब जनता ही निर्णय करेगी। हम भी जनता की अदालत में हैं जनता के द्वारा जो भी निर्णय किया जायेगा जनता जनार्धन का वो निर्णय हमे भी सिरोधार्य होगा।
जनसेवा के लिए समर्पण व कार्यकर्त्ता महत्वपूर्ण होता है, वास्तव में किसी भी पार्टी की रीढ़ उसका कार्यकर्त्ता ही होता है। जनसेवा के नाम पर अवसरवादी लोग वंशवाद का सहारा लेकर पद हथिया लेते हैं जब कि उनकी जन सेवा सिर्फ दिखावे मात्र की होती है। जनभावनाओं का सम्मान करने के लिए मैंने जनता की अदालत में जाने का निर्णय लिया तथा जनभावनाओं का सम्मान की रक्षा करने के लिए आप लोगों के बीच मेयर पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी हूं। परिवारवाद से इतर यदि किसी अन्य जिम्मेदार निष्ठावान कार्यकर्त्ता को पार्टी टिकट मिलता तो मैं कभी भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत नहीं करती। बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी रहती। ठीक वही हाल कांग्रेस में भी है जहां निष्ठावान तथा लगनशील कार्यकर्त्ताओं की अनेदखी करते हुए परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया। मैं आपसे जानना चाहती हूं कि क्या सिर्फ नामचीन व्यक्तियों के परिवारिक सदस्यों को ही चुनाव लड़ने का अधिकार है? क्या पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्त्ता चुनाव नहीं लड़ सकता? लोकतंत्र में जनता ही श्रेष्ठ होती है तथा उसका निर्णय सर्वदा सभी को स्वीकार्य होता है। अब जनता ही निर्णय करेगी। हम भी जनता की अदालत में हैं जनता के द्वारा जो भी निर्णय किया जायेगा जनता जनार्धन का वो निर्णय हमे भी सिरोधार्य होगा।
प्रश्न- आप किन मुद्दों को लेकर चुनाव में जा रही हैं?
विभा चौहान- व्यवस्थाओं में मूलभूत सुधार की आवश्यकता है। गढ़वाल का द्वार कोटद्वार ना सिर्फ उत्तराखण्ड के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। यहीं कण्वाश्रम में चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म हुआ था। जिसके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। ऐसा पवित्र और ऐतिहासिक स्थल होने के बावजूद भी दुर्भाग्य ही है कि हम आज भी अपनी पहचान के लिए तरस रहे हैं। कण्वाश्रम के लिए अभी विशेष कार्य किया जाना शेष है ताकि यह ऐतिहासिक स्थल राष्ट्र के गौरव का प्रतीक बन सके। इस स्थल को राष्ट्र तीर्थ के रूप में स्वीकार करते यह क्षेत्र पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। कोटद्वार में यातायात व्यवस्था को सुचारू करना, साफ-सफाई,स्वच्छता की व्यवस्था करना, ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबन्धन, पार्कों तथा उद्यानों का सौन्दर्यकरण, पथ रोशनी की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था विकसित करना, बस तथा ऑटो स्टाफ के लिए स्थान निर्धारित करना, बढ़ती बेरोजगारी तथा नशाखोरी का समाधान, सार्वजनिक जनसुविधओं को सुव्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता है।पर्यावरणीय दृष्टि से भी हमारा कोटद्वार बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। अतः सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए ही कोटद्वार का समग्र विकास किये जाने की आवश्यकता है। जिसमें प्रत्येक कोटद्वार वासी की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। आओ! हम सभी मिलकर कोटद्वार शहर के समग्र विकास के लिए वोट करें ताकि हमारा कोटद्वार एक आदर्श नगर स्थापित हो सके।
प्रश्न- वर्तमान में नगर की किन समस्याओं को मुख्य मानती हैं?
विभा चौहान- नगर की मुख्य समस्याएं-
1- बरसात में जलभराव की समस्या जिसके कारण कोटद्वार आपदा ग्रस्त होता है।
2- सीवर लाईन विस्तारिकरण की योजना का अभाव।
3- नगर का ड्रैनेज सिस्टम तथा सिवरेज सिस्टम का अव्यवस्थित होना जिसके कारण आज कुछ वार्ड बुरी तरह प्रभावित हैं।
4-ठोस कचरा प्रबन्धन की स्पष्ट नीति का अभाव
5- शहर के प्रत्येक निवासी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध न होना।
6 - युवाओं का बेरोजगार होना जिसके कारण हमारी युवा शक्ति तथा नौनिहालों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
7-सम्पर्क मार्गों का क्षतिग्रस्त होना।
8-शहर के अंदर पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था का न होना।
9- नवसृजित नगर निगम में शामिल भाबर के गांवों में जनसुविधाओं का अभाव
10-शहर में अतिक्रमण का होना जिसके कारण यातायात व्यवस्था बाधित होती है तथा पैदल यात्री भी परेशान रहते हैं।
11-निगम के माध्यम से सांस्कृतिक गतिविधियों,खेलकूद, योग, स्वच्छता, जनजागरूकता कार्यक्रम, वाचनालय आदि सृजनात्मक कार्यों के संचालन का अभाव।
12- जन शिकायतों का त्वरित निराकरण न होना
13- आधा-अधूरा पड़ा अन्तरराज्य बस अड्डा आदि समस्याओं का निराकरण होना बहुत आवश्यक है।

ऐसे उच्च विचार केवल आपके ही हो सकते हैं, कोटद्वार नगर निगम का प्रथम मेयर पद केवल आप जैसी शिक्षिका ही संभाल सकती हैं, कोई विधायक की धर्मपत्नी नही, इन लोगों ने तो अपनी विभूति ही समझ ली, मैं भी और मेरी बीबी भी
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