जैव विविधता एवं मिश्रित वन - TOURIST SANDESH

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मंगलवार, 23 मई 2023

जैव विविधता एवं मिश्रित वन

 जैव विविधता एवं मिश्रित वन

सुभाष चन्द्र नौटियाल


पूरी दुनिया प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाती है। धरती में उपस्थित विभिन्न प्रजाति के वनस्पति एवं जीवों की प्रजाति को संरक्षित करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। 

क्या आप जानते हैं? 

जैव विविधता संरक्षण के लिए गठित अंतर्राष्ट्रीय संस्था द इंटरगवर्नमेंटल साइंस-पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडाइवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज (आईपीबीईएस) का अनुमान है कि दुनिया में लगभग 80 लाख जीव  प्रजातियां मौजूद हैं, लेकिन साल 2030 तक इनमें से करीब 10 लाख प्रजातियां खत्म हो सकती हैं। आईपीबीईएस का कहना है कि जैवविविधता क्षरण की दर खतरे के निशान पर पहुंच चुकी है और  हर 10 मिनट में औसतन एक प्रजाति खत्म हो रही है।

इंसानी हरकतों की वजह से 97 फीसदी वैश्विक जैवविविधता नष्ट हो चुकी हैं।

बॉटनिक गार्डनस कंजर्वेशन इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट स्टेट ऑफ द वर्ल्डस ट्रीज में कहा गया कि भारत में पेड़ों की 2,603 प्रजातियां हैं, जिनमें से 18 प्रतिशत यानी 469 प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है।

 जैव विविधता के संरक्षण के लिए अपने देश भारत के राज्य उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में जगत सिंह जंगली पिछले 43 सालों से मिश्रित वन की अवधारणा पर कार्य कर रहे हैं, आपके सद्प्रयासों से आपने अपने निजी वन क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के लगभग डेढ़ लाख से अधिक पेड़-पौधों का सरक्षण किया है। जगत सिंह जंगली द्वारा संरक्षित एवं सम्वर्धित मिश्रित वन की अवधारणा से वैश्विक स्तर पर जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है। जगत सिंह जंगली मिश्रित वन की अवधारणा पर कार्य करके जैव विविधता के संरक्षण में अमूल्य योगदान दे रहे हैं। 

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