हिन्दी साहित्य में मुंशी प्रेम चन्द का अमिट योगदान - डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल - TOURIST SANDESH

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रविवार, 31 जुलाई 2022

हिन्दी साहित्य में मुंशी प्रेम चन्द का अमिट योगदान - डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल

 हिन्दी साहित्य में मुंशी प्रेम चन्द का अमिट योगदान - डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल 

कोटद्वार। हिन्दी साहित्य में मुन्शी प्रेम चन्द का अमिट योगदान रहा है, यह बात डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल ने मुंशी प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष में  ’स्वैच्छिक शिक्षक समूह’ द्वारा ’अज़ीम प्रेमजी फाऊंडेशन, कोटद्वार’ के सभागार में एक संगोष्ठी के आयोजन के अवसर पर कही, कार्यक्रम के’मुख्य वक्ता प्रो नंदकिशोर ढौंडियाल ‘अरुण’ ने कहा कि, मुन्शी प्रेम चन्द ने हिन्दी साहित्य में बहुत ही उच्चकोटी के साहित्य की रचना की है ।  ’वरिष्ठ साहित्यकार तथा हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष’ डॉ ढौंडियाल ने कहा कि वर्तमान में हिन्दी साहित्य में इस प्रकार का साहित्य सृजन देखने को नहीं मिल पा रहा है।  उन्होंने प्रेमचंद के सहित्यिक संदर्भ और उसके आलोक में वर्तमान परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुये उपस्थित शिक्षकों से अपने विचार साझा किये। डॉ ढौंडियाल ने बताया की मुन्शी प्रेमचंद को हम 4 रुपों में देख सकते हैं, वे केवल कथाकार और उपन्यासकार ही नहीं वरन एक शिक्षक और सम्पादक भी थे। उनके जीवन के प्रत्येक पक्ष का प्रभाव उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है, जिसको उदाहरणो के साथ डॉ ढौंडियाल ने सत्र में शिक्षकों के सामने रखा।

 कार्यक्रम में शिक्ष्क राजीव थपलियाल, सरिता मैंदोला, अमित गोयल, सौरभ सिंह, अंजलि शंकर, जागृति कुकरेती, भारती नेगी, लक्ष्मी नैथानी, अनुराग तिवारी, पंकज शुक्ला, मनमोहन सिंह नेगी, शैलजा जोशी, संगीता बिष्ट ,श्रुतिका, अल्का बिष्ट, सुरेश बिष्ट, यशपाल बिष्ट, सुधा बलोधी, दिनेश बिष्ट, रिद्धि भट्ट, चन्द्रजीत सिंह बिष्ट,आदि उपस्थित थे।

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