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शुक्रवार, 28 मई 2021

बलूनी ग्रुप ने ली कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी

  बलूनी ग्रुप ने ली कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी



- निराश्रारित बच्चों को स्कूली शिक्षा और मेडिकल-इंजीनियरिंग की कोचिंग मिलेगी निशुल्क

- कोरोना वारियर्स के बच्चों को पिछले वर्ष से ही निशुल्क कोचिंग दे रहा संस्थान

- बलूनी ग्रुप ऑफ एजूकेशन वषों से सामाजिक दायित्वों का कर रहा है निर्वहन


 देहरादून। बलूनी ग्रुप ऑफ एजूकेशन ने एक बार फिर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। ग्रुप के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी ने अपने एक बयान में कहा है कि, जो बच्चे कोरोना महामारी में अनाथ हो गये हैं, ऐसे जरूरतमन्द बच्चों को बलूनी ग्रुप ऑफ एजूकेशन अपने यहां निशुल्क स्कूली शिक्षा उपलब्ध करायेगा। यदि बच्चा डाक्टर या इंजीनियर बनना चाहता है तो उसे कोचिंग भी निशुल्क दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्व की भावना के तहत बलूनी ग्रुप ने यह फैसला लिया है।

ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक विपिन बलूनी ने कहा कि आज हमारा देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। इस जंग में कई बच्चे अनाथ हो गये हैं। उनके सामने शिक्षा जारी रखने की कठिन चुनौती है। ऐसे में ग्रुप के चेयरमैन डा. नवीन बलूनी ने फैसला किया कि आर्थिक विपन्नता के कारण इन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए जिन्होनें अपने अभिभावकों को खो दिया है। ग्रुप ने तय किया है कि ऐसे बच्चों को पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा कोंचिग भी निशुल्क दी जाएगी।

गौरतलब है कि बलूनी ग्रुप ऑफ एजूकेशन उत्तर भारत का अग्रणी शिक्षण संस्थान है। बलूनी क्लासेस मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग में उत्तर भारत का अग्रणी संस्थानों में गिना जाता है। ग्रुप के देहरादून, आगरा, मथुरा और कोटद्वार में स्कूल और बोर्डिंग स्कूल हैं। गत वर्ष से कोरोना महामारी की शुरुआत से ही बलूनी ग्रुप आफ एजूकेशन ने कोरोना वारियर्स और शहीद सैनिकों के बच्चों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की निशुल्क कोचिंग दे रहा है। इसके अलावा बलूनी ग्रुप कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों को राशन, दवाएं और अन्य जरूरी सामग्री भी दे रहा है। ग्रुप के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी और उनकी टीम के सदस्यों ने कोरोना मरीजों के लिए रक्तदान भी किया।

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