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शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

जनपद में स्वरोगार को बढावा दिया जायेगा- जिलाधिकारी

जनपद में स्वरोगार को बढावा दिया जायेगा- जिलाधिकारी

जनपद में क्षेत्र की भौगोलिक विशेषता के तर्ज पर स्वरोजगार हेतु पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जायेगा। यह बात पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विकास भवन, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय कक्ष में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। पत्रकारों से रूब.रू होते हुए उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में पलायन को रोकने के लिए स्थानीय जलवायु के अनुरूप विकासपरक कार्य किये जाने आवश्यक हैं। पौड़ी, खिर्सू आदि पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के सुविधानुसार विकसित किये जायेंगे। खैरासैंण को 13 डेस्टीनेशन के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, जहां पर्यटकों को पारम्परिक खेती, बर्डवाचिंक, मस्त्य आखेट सहित कई विशेषताओं को सन्दर्भित करते हुए कार्य किये जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि भौगोलिक विशेषता के तर्ज पर जो कार्य यहां किये जाने हैए उन्हें प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। जिन स्थानों में सेब की खेती होती हैए उन ठण्डे इलाकों में सेब के काश्त को बढ़ावा दिया जायेगा। जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगभग 15 हजार सेब प्रजाति के पौधे लगाने की कार्यवाही की गई है। कहा कि जिन स्थानों में यह पौधे लगाये जायेंगे उन ब्लाकों,स्थानों में प्राइमरी से आठवीं तक पाठ्यक्रमों में हार्टिकल्चर विषय को भी सम्मलित किया जायेगा। साथ ही उद्यान विभाग के अधिकारी,कर्मचारी उन विद्यालयों में प्रयोगात्मक रूप से बच्चों को शिक्षा देंगे। उन्होंने कहा कि पारम्परिक खेती की विशेषता के तर्ज पर ब्लॉकक्षेत्रों को विकसित करेंगे। कहा कि जिन क्षेत्रों में उत्पाद अधिक है, वहां पर मण्डी या अन्य विभागों से सामंजस्य स्थापित करते हुए वहां पर विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादन है किन्तु विपणन की व्यवस्था न होने से काश्तकारों को उनकी फसल के सही दाम नहीं मिल पाते हैं। विपणन की व्यवस्था होने से सीधे काश्तकारों को फायदा होगा तथा इससे अच्छी आय होगी और पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि जिन ब्लाकों में पर्यटन का अच्छा स्कोप है, किन्तु पर्यटन की दर्ज पर कार्य नहीं हुए है, उन ब्लाकों को पर्यटन के दृष्टिकोण से जोड़ेंगे तथा पर्यटन के आधार पर उन चीजों को विकसित किया जायेगा, जो पर्यटन से संबंधित है। पर्यटन की दृष्टि से जितने भी नैसर्गिक सौन्दर्य के क्षेत्र हैं, उन पर कार्य करते हुए एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने जनपद में स्वच्छता को लेकर सफाई अभियान के कार्यक्रम  निर्धारित किये हैं, जिस पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को जनपद मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक विशेष सफाई अभियान चलाये जायेंगे। कहा कि इसमें जिला स्तरीय अधिकारी से लेकर तहसील एवं ग्राम स्तर तक ग्राम पंचायत अधिकारी को भी सफाई अभियान में भाग लेकर आम जनमानस को भी सफाई के प्रति जागरूक करेंगे। कहा कि अभियान के दौरान तैनात अधिकारी,कर्मचारी की उपस्थिति भी दर्ज की जायेगी। अनुपस्थित पाये जाने पर विभागीय एवं दण्डातम कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा सभी विभागाध्यक्ष,कार्यालयाध्यक्ष को अपने कार्यालय परिसर को स्वच्छ रखने के निर्देश जारी किये गये है। कहा कि जिनके कार्यालय परिसरों में गंदगी पाई जाती है तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी,कर्मचारी इस विशेष सफाई अभियान में अपनी सहभागिता देंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि मिड डे मील में स्थानीय उत्पाद पारम्परिक अनाज को शामिल करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इसके शामिल होने पर स्थानीय उत्पाद पारम्परिक अनाज की पैदावार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही पौष्टिकता भी बनी रहेगी। इससे काश्तकारों की आय में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही पलायन पर भी रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि जनपद में इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा, जिस हेतु सभी का समन्वय एवं जागरूक होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कार्य करने का ध्येय यही होना चाहिए कि स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार को विकसित किया जा सके।


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