हिमालय में जलवायु परिवर्तन और विकास की चुनौतियां विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन
देहरादून। सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित संस्था उत्तरजन ने सामाजिक संवाद श्रृंखला के तहत् हिमालय में जलवायु परिवर्तन और विकास की चुनौतियां विषय पर प्रोफसर विनय आनन्द बौड़ाई की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो0 एस0पी0 सती थे। विचारगोष्ठी की शुरुआत करते हुए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के पूर्व निदेशक उत्तम सिंह रावत ने कहा कि, हम समस्या पर चर्चा करते हुए समय बर्बाद करते हैं जबकि, समाधान पर बात होनी चाहिए। उन्होने कहा कि, आपदा की घटनाओं के स्थायी समाधान के लिए वास्तविक तथा व्यापक जानकारी की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली वानिकी विश्वविद्यालय के प्रोफसर एस.पी. सती ने हिमालय के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि, हिमालय बहुत ही नाजुक तथा प्राकृतिक रूप से सतत् विकास की प्रक्रिया से गुजर रहा है। हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती मानवीय हलचल तथा बड़े-बड़े बाधांे का निर्माण हिमालय के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण पृथ्वी में प्राणी जगत के लिए घातक है। हिमालय जैवविविधता का घर है। जलवायु परिवर्तन से जैवविविधता को खतरा है, ग्लेशियर निरन्तर पिघल रहे हैं। हिमालय के बारे में व्यापक रूप से जनजागृति की आवश्यकता है। कार्यक्रम के अन्त में कार्यक्रम के संयोजक लोकेश नवानी ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुशील कुमार, डॉ जयन्त नवानी, कृष्ण सिंह, विमला रावत, शैल बिष्ट आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रेम बहुखण्डी ने किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें