अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस - TOURIST SANDESH

सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस


डॉ. शोभा रावत



अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है।इसका उद्देश्य यही है कि विश्व भर में जितनी भाषाएं हैं उनको सहेजा जाए।भाषायी संस्कृति किस प्रकार संरक्षित हो यही अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य है।जन सामान्य के बीच अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूकता फैले और मुख्य भाषाओं की दौड़ में क्षेत्रीय भाषाओं को लुप्तप्रायः होने से बचाया जा सके।

यूनेस्को द्वारा 17 नवम्बर सन 1999 से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की गई।तभी से प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को यह दिवस मनाया जाता है।मनाये जाने का कारण यह है कि सन 1952 में तत्कालीन पाकिस्तान की भाषायी  नीति का ढाका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने विरोध किया,प्रदर्शनकारियों पर गोलियां दागी गई।जब लगातार विरोध किया गया तो सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्ज देना पड़ा।इस आंदोलन में युवा शहीदों की स्मृति में यूनेस्को ने 21 फरवरी सन 1999 से मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

विश्व भर में लगभग 6700 भाषाएं बोली जाती हैं।उनमें से लगभग 40 प्रतिशत भाषाएं लुप्त होने के कगार पर हैं।वैश्वीकरण के इस दौर में मुख्य भाषा आवश्यकता बन गई है जिस कारण मुख्य धारा से क्षेत्रीय बोलियां लुप्त हो रही हैं।इस दिवस का मुख्य उद्देश्य ही विविध भाषा व संस्कृति में जो बौद्धिक विरासत है,उसका संरक्षण करना है।किसी भी एक भाषा का लुप्त होना मतलब उसकी संस्कृति का भी लुप्त होना है।जो कि अपनी भाषाई विरासत को खो देने जैसा ही है।भारत में भी अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, धीरे धीरे कुछ भाषाएं लुप्त हो रही हैं।देश के संविधान में इसके लिए कानूनी प्रावधान भी हैं।जिससे भाषाओं का संरक्षण हो सके।अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा के संरक्षण का अधिकार देता है।अनुच्छेद 120 में संसद में अपनी मातृभाषा में अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत भी प्राथमिक शिक्षा अपनी क्षेत्रीय भाषा में होने का विकल्प है,जिससे क्षेत्रीय भाषा जिंदा रह सके।इस दिवस को मनाने के फलस्वरूप लोगों में जागरूकता आने से अवश्य  क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों का संरक्षण होगा।