सामूहिक प्रयासों से दूर हो सकती है मानसिक असहजता - TOURIST SANDESH

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शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

सामूहिक प्रयासों से दूर हो सकती है मानसिक असहजता

 सामूहिक प्रयासों से दूर हो सकती है मानसिक असहजता

 कोटद्वार। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर स्वमन ग्रुप की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी वक्ताओं ने कहा कि विश्वव्यापी होती जा रही समस्या मानसिक असहजता का निवारण सामूहिक प्रयासों से किया जा सकता है। वर्त्तमान दौर में आधुनिक आपाधापी वाली जीवन शैली के कारण दिनों-दिन लोग मानसिक रूप से असहज होते जा रहे हैं परन्तु यदि सामूहिक प्रयास किये जांए तो बढ़ते मानसिक रोगों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।  विचार गोष्ठी का आरम्भ मानसिक असहजता से उभर कर आए प्रफुल्ल पांथरी ने अपनी मानसिक पीड़ा के 25 वर्षों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज विश्व का प्रत्येक मानव किसी ना किसी रूप में मानसिक रूप से असहज है। विचार गोष्ठी में कोटद्वार प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजगौरव नौटियाल ने कहा कि समाज की सामूहिक भागीदारी से मानसिक रुप से असहाय लोगों को मुख्यधारा में जोड़ा जा सकता है पूर्व प्रधानाचार्य वाचस्पति बहुखंडी ने कहा व्यक्ति अगर इस समस्या से अवगत हो तो अपने थोड़े से प्रयासों से ही किसी पीड़ित व्यक्ति को मानसिक असहजता से बाहर लाने में मदद कर सकता है। इस विषय में उन्होंने अपने  निजी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यदि हमें जानकारी हो तो हम स्वयं व आने वाली पीढ़ी के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में योगदान दे सकते हैं। गोष्ठी में कैलीफोर्निया (अमेरिका ) से वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग करते हुए इंजीनियर सुशील पांथरी ने कहा कि मानसिक असहजता एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है और इस समस्या के निदान हेतु मिलकर कार्य करना चाहिए। अरुण पांथरी ने स्वमन ग्रुप के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि डॉक्टरी सहायता के साथ-साथ अन्य छोटे-छोटे उपायों जैसे म्यूजिक थेरेपी, कलर थेरेपी, नेचर थेरेपी से जुड़ाव आदि के द्वारा भी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है विशेश्वर प्रसाद ने स्वमन ग्रुप के उद्देश्यों और उसकी अंतर्गत किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से समाज द्वारा मानसिक असहजता से पीड़ित व्यक्ति के प्रति करुणा एवं सहयोग का भाव रखकर पीड़ित व्यक्ति की जीवन को आसान बनाया जा सकता है। गोष्टी को देहरादून से आए जिला आकंलन अधिकारी देवेंद्र कुमार जोशी ने सभी अस्पतालों में मनोचिकित्सक की आवश्यकता पर बल दिया पूर्व प्रवक्ता विनायक जोशी, उद्योगपति प्रशांत कुकरेती, शिक्षक अरविंद जोशी, बेंगलौर में कार्यरत सॉफ्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमांशु काला एवं पत्रकार कमल बिष्ट आदि ने भी सम्बोधित किया।  वरिष्ठ साहित्यकार योगेश पांथरी ने उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर श्रीमती विमला पांथरी, इंजीनियर अभीतोष जोशी आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार सुभाष चंद्र नौटियाल ने किया। इस अवसर पर प्रफुल्ल पांथरी ने द्वारा संकलित बुलेटिन ” पढ़े समझे अमल करें ” नामक बुलेटिन का वितरण किया गया। कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए साप्ताहिक वन पर्यावरण के सौजन्य से उपस्थ्ति गणमान्य अतिथियों द्वारा अनार की पौध का रोपण किया गया।


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