भलु लगद अपणु रुजगार पुस्तक का विमोचन - TOURIST SANDESH

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रविवार, 8 नवंबर 2020

भलु लगद अपणु रुजगार पुस्तक का विमोचन

भलु लगद अपणु रुजगार पुस्तक का विमोचन

देहरादून। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भलु लगद/फील गुड संस्था द्वारा शिक्षाकुंर स्कूल में  ’ भलु लगद अपणु रुजगार ’ पुस्तक का विमोचन किया गया। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को इस पुस्तक में समाहित किया गया है। साथ ही  पुस्तक में उन सफल उद्यमियों की प्रेरक कहानियों को भी स्थान दिया गया है जिन्होंने स्वरोजगार अपनाकर कर मुकाम हासिल किया है। कार्यक्रम में किसी को भी मुख्य या विशिष्ट अतिथि के रूप शामिल नहीं किया गया था बल्कि कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक जन को विशिष्टता की श्रेणी में रखा गया था। अपनी तरह का यह पहला ऐसा कार्यक्रम था जिसमें उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को विशिष्टता हासिल थी। कार्यक्रम में हर व्यक्ति की महत्ता को समान रूप से रेखांकित किया गया।अपनी तरह के पहले पुस्तक विमोचन समारोह में एस पी नौटियाल ने विशेष भूमिका निभाई। श्री नौटियाल ने पुस्तक के संकलन एवं सम्पादन में भी विशेष योगदान दिया है। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष सुधीर सुंदरियाल ने कहा कि पहाड़ों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए संस्था सन् 2015 से निरन्तर प्रयासरत है। भलु लगद अपणु रुजगार पुस्तक का प्रकाशन भी इसकी एक कड़ी है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन युवाओं को ध्यान में रखते हुए प्रकाशित की गई है जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान नौकरी खोयी है और अब ऐसे युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ना चहाते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि संस्था राज्य में स्वरोजगार अपनाने वाले प्रत्येक युवा की हर संभव मदद उपलब्ध करायी जायेगी। संस्था पिछले पांच सालों से धरातल पर कार्यरत है। संस्था द्वारा बंजर खेत आबाद करो मिशन के तहत अभी तक कई गांवों में बंजर खेतों को आबाद कर कई बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। संस्था शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रही है। संस्था द्वारा पौड़ी जिले के दूरस्थ क्षेत्र गंवाणी में फीलगुड एण्ड इन्फॉमेशन सेन्टर की स्थापना की गई है। समय समय-समय पर संस्था विभिन्न क्षेत्रों में शैक्षिक उन्नयन के कार्यक्रम भी आयोजित करती है। साथ ही संस्था उत्तराखंड की संस्कृति संरक्षण पर भी कार्य कर रही है। संस्था जल संरक्षण के लिए खाल- चालों को पुनर्जीवित करने के लिए भी निरन्तर प्रयासरत है। संस्था द्वारा अब तक की खाल-चालों को पुनर्जीवित किया जा चुका है। पुस्तक सम्पादन में मुख्य भूमिका निभाने वाले एस. पी. नौटियाल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 में नौकरी गवां चुके स्वरोजगार अपनाने वाले युवाओं के लिए यह पुस्तक वरदान साबित होगी। पुस्तक में 28 उन स्वयंसेवक के नाम और मोबाइल नम्बर भी दिये गये हैं जो कि, स्वरोजगार अपनाने वाले युवाओं का न सिर्फ मार्गदर्शन करेंगे बल्कि समस्याओं के निराकरण के लिए हर संभव मदद भी उपलब्ध करायेंगें।  पुस्तक में मशरूम उत्पादन, बांस उधोग, पॉलीहाउस, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, प्रिंटिंग कार्य, आधुनिक कृषि तकनीकी से खेती, पर्यटन, फल संरक्षण, उद्यानिकी, वानकी, जैविक खेती, जैविक खाद, जड़ी-बूटी उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करायी गयी है।  कार्यक्रम में शिक्षाकुंर के निदेशक डॉ जयन्त नवानी ने कहा कि, आज धरातल पर कार्य करने की आवश्यकता है। फील गुड संस्था निश्चित रूप से बधाई की पात्र है। आमजन मानस के जीवन स्तर को उठाने के लिए यह संस्था जमीनी स्तर पर कार्यरत है। इस अवसर पर पौड़ी गढ़वाल ग्रुप द्वारा उल्लेखनीय कार्यों के लिए श्री सुधीर सुंदरियाल को प्रशस्ति-पत्र और 21000(इक्कीस हजार) रूपए का चेक देकर सम्मानित किया गया। हम फीलगुड तथा गुरू धाम गुरू कुल द्वारा उन बच्चों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने मोबाइल फोन उन गरीब बच्चों को दान कर दिये जो कि, वर्त्तमान कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह थे। इसकी पहल दोनों संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से की गयी है। सम्मानित होने वाले बच्चों में दिया रावत, तनिष्का बिष्ट, ओशन बिष्ट हैं। श्री अन्नू पन्त ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि, हमें उन निर्धन गरीब बच्चों को भी समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास करना होगा जोकि आर्थिक कारणों से समाज में पिछड़ रहें हैं। कार्यक्रम में सच्चिदानंद जोशी, मेजर ओंकार सिंह नेगी,  लोकेश नवानी, इन्द्र मणि सेमवाल, विजय जुयाल, प्रकाश थपलियाल, हर्षमणी व्यास,  हरी प्रसाद व्यास,  कमलकान्त, मायाराम भट्ट,, शैलेष भट्ट, विकास पांथरी, सतीश मुन्डेपी, मीना कण्डवाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुभाष चन्द्र नौटियाल ने किया।

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