प्रकाश, ऊर्जा, शक्ति, शौर्य, सामूहिकता तथा ज्ञानोत्सव का पर्व है इगास - डॉ नन्द किशोर ढ़ौडियाल - TOURIST SANDESH

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सोमवार, 15 नवंबर 2021

प्रकाश, ऊर्जा, शक्ति, शौर्य, सामूहिकता तथा ज्ञानोत्सव का पर्व है इगास - डॉ नन्द किशोर ढ़ौडियाल

प्रकाश, ऊर्जा, शक्ति, शौर्य, सामूहिकता तथा ज्ञानोत्सव का पर्व है इगास - डॉ नन्द किशोर ढ़ौडियाल

बारा मैनो की बारा बग्वाल अैनी, घर नी आयो मेरू माधो..... गीत पर झूमे दर्शक

कोटद्वार। इगास का पर्व, प्रकाश, ऊर्जा, शक्ति, शौर्य, सामूहिकता तथा ज्ञानोत्सव का प्रतीक है। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नन्द किशोर ढ़ौडियाल ने राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज कोटद्वार में सामाजिक संस्था उत्तराखण्ड राइजिंग द्वारा इगास पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में प्रतिभाग करते हुए कही। उन्होंने संस्था के अध्यक्ष राकेश मोहन ध्यानी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, अपनी दुधबोली तथा मातृ संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षक राकेश मोहन ध्यानी विभिन्न मंचों के माध्यम से निरन्तर प्रयासरत हैं। सामूहिक रूप से लोक पर्व इगास के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम उनकी दूरदर्शी सोच का परिणाम है। वर्त्तमान पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति से अवगत कराने के लिए ऐसे गुणवत्ता पूर्ण कार्यक्रमों को व्यापक रूप से आयोजित करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड राइजिंग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को तीन चरणों में विभाजित किया गया था, प्रथम खण्ड बौद्धिक चरण, द्वितीय खण्ड गीत-संगीत एंव काव्यगोष्ठी तथा तृतीय खण्ड में लोक परम्पराओं पर आधारित भैलो थडिया का आयोजन किया गया तथा साथ ही स्वळा-पकौड़े, अरसे का वितरण कर एक-दूसरे को इगास की बधाई दी गयी। बौद्धिक चरण में वक्ताओं ने इगास पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, विभिन्न ऋतुओं में आने वाले हमारे लोक पर्व ही हिमालयी संस्कृति को श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। वयोवृद्ध पत्रकार एंव साहित्यकार योगेश पांथरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि, संस्था द्वारा आयोजित यह पुण्य कार्य निश्चित ही आने वाली पीढ़ी को हमारी संस्कृति तथा रीति-रिवाजों से परिचित करायेगा तथा लोकसंस्कृति के संरक्षण एंव सम्वर्द्धन में मील का पत्थर साबित होगा। बौद्धिक चरण में लोक साहित्य और सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष सत्य प्रकाश थपलियाल, बाल भारती के संचालक गिरी राज सिंह रावत, गढ़वाल सभा के पूर्व अध्यक्ष योगम्बर सिंह रावत, श्रीमति नीतू रावत, श्रीमति रंजना रावत, वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रेश लखेड़ा आदि ने भी सम्बोधित किया। गीत-संगीत तथा काव्यगोष्ठी चरण में कवियों ने कविता पाठ तथा गीत संगीत के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस चरण में अनसूया प्रसाद डंगवाल, रिद्धि भट्ट, यतेन्द्र गौड़, ललन बुडाकोटी ने अपनी कविताओं का पाठ किया। शोभित राम मैठाणी ने बारा मैनो की बारा बग्वाल अैनी, घर नी आयो मेरू माधो............ गीत गा कर सभी का मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमति रेनू गौड़, शिक्षिका बबीता ध्यानी, गोविन्द राम डंडरियाल, अजय पाल रावत, भुवन मोहन गुसांई, कै0 पी0 एल0 खन्तवाल, प्रवेश नवानी, डॉ श्रीविलास बुडाकोटी, दीपक गौड़, प्रवेश रावत प्रणिता कण्डवाल, लोक कलाकार ओम प्रकाश कबटियाल, आन्नदमणी जखमोला, इन्दू नौटियाल, सुमन कुकरेती, सुषमा डोबरियाल, कै0 गजेन्द्र मोहन धस्माणा, सुनील बिजल्वाण आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुभाष चन्द्र नौटियाल ने किया।

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