कर्त्तव्यनिष्ठा को नमन : कर्त्तव्यपथ पर निरन्तर अग्रसर हैं इंजीनियर एल. सी. रमोला - TOURIST SANDESH

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बुधवार, 30 सितंबर 2020

कर्त्तव्यनिष्ठा को नमन : कर्त्तव्यपथ पर निरन्तर अग्रसर हैं इंजीनियर एल. सी. रमोला

 कर्त्तव्यनिष्ठा को नमन : कर्त्तव्यपथ पर निरन्तर अग्रसर हैं इंजीनियर एल. सी. रमोला

कोरोना काल में एक ओर जहां आमजन-जीवन अस्त-व्यस्त है वहीं दूसरी ओर कुछ कर्त्तव्यनिष्ठ लोग निरन्तर कर्त्तव्यपथ पर अग्रसर रहते हुए आमजन-जीवन को सामान्य बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रहे हैं। आमजन-जीवन में आशा का नवसंचार करने वाले ऐसे ही कर्त्तव्यनिष्ठ लोगों की कर्मशीलता के कारण मानव जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों के कारण भी जीवन निर्बाध गति से आगे बढ़ जाता है तथा मार्ग में आने वाली दुंःख की घड़ियों को भुला कर जीवन फिर से सरपट पटरी पर दौड़ने लगता है। ऐसे ही एक कर्त्तव्यनिष्ठ अभियन्ता हैं एल. सी. रमोला।

जल संस्थान जैसे महत्वपूर्ण विभाग में कार्यरत मृदुभाषी तथा स्वभाव से मिलनसार प्रकृति के युवा इंजीनियर एल. सी. रमोला वर्त्तमान में कोटद्वार क्षेत्र में अधिशासी अभियन्ता के पद पर कार्यरत हैं। इस वर्ष वैश्विक महामारी के कारण जब 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गयी तो क्षेत्र में नियमित रूप से प्रत्येक घर में पानी की सप्लाई हो इसके लिए इंजीनियर  रमोला सक्रिय हो गये। किसी भी क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या का तुरन्त निराकरण हेतु आपने अपनी टीम के साथियों तथा अधीनिस्थ कर्मचारियों को न सिर्फ प्रोत्साहित किया बल्कि कोरोना से बचने के लिए भी लगातार जागरूक करते रहे। एक कुशल टीम लीडर की यह विशेषता होती है वह ना सिर्फ लक्ष्य के प्रति अपनी टीम को उत्साहित करता है बल्कि आसन्न खतरों के प्रति भी सावधान करता है। यही युवा अभियन्ता एल. सी. रमोला ने किया। नगर निगम क्षेत्र कोटद्वार में पीने के पानी की नियमित सप्लाई के लिए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर 14 नलकूपों को आपस में जोड़ा गया सारे नलकूपों को आपस में स्वचालित विधि से जोड़ा गया ताकि एक नलकूप के खराब होने पर दूसरे नलकूप से पानी की सप्लाई को नियमित किया जा सके। क्षेत्र में वर्षों पुरानी लाइन होने कारण अनेक स्थानों पर बार-बार लीकेज की समस्या आती थी इसके निराकरण के लिए 4 करोड की लागत से नई लाइन बिछाई गयी। प्रत्येक नलकूप के लिए एक अतिरिक्त मोटर की व्यवस्था की गयी।  कार्यालय भवन का निर्माण कार्य पूरा कराया गया। कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में एक अतिरिक्त तथा यमकेश्वर क्षेत्र में तीन नलकूपों का निर्माण कार्य पूरा कराया गया। क्षेत्र में अनेक सरकारी विद्यालयों में पीने का पानी उपलब्ध कराया गया़। क्षेत्र में समस्यों के त्वरित निराकरण के लिए व्यवस्था विकसित की गयी। क्षेत्र में लॉकडाउन अवधि में बने क्वॉर्न्टाइन सेन्टरों में पेयजल की व्यवस्था को सुचारू करने के लिए विभागीय तथा निजी टैंकरों के माध्यम से नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की गयी। साथ ही नैनीडांडा, रिखणीखाल,यमकेश्वर, दुंगड्डा,जयहरीखाल,द्वारीखाल विकासखण्डों में बने 24 क्वॉर्न्टाइन सेन्टरों में निजी टैकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी। उक्त विकासखण्डों में लॉकडाउन के दौरान भी 266 विभागीय पेयजल लाइनों की सुचारू व्यवस्था बनाने के लिए समुचित प्रबन्ध किये गये ताकि किसी भी क्षेत्र में पेयजल की समस्या न हो।

किसी भी देश की प्रगति के सूचक उस के अभियन्ता ही होते हैं। जिस देश के अभियन्ता जितनी कर्त्तव्यनिष्ठा से अपने कार्य का सम्पादन करते हैं, वह देश उतना ही प्रगतिशील होता है। वास्तव में देश के कुशल तथा कर्त्तव्यनिष्ठ अभियन्ता ही देश को उन्नत तथा विकसित कर सकते हैं। ऐसे कुशल तथा कर्त्तव्यनिष्ठ अभियन्तों को सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रति वर्ष 15 सितम्बर को अभियन्ता दिवस मनाया जाता है।

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